पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attacks) की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दो महीने की छानबीन के बाद अहम सफलता मिली है। एजेंसी ने पहलगाम क्षेत्र से दो स्थानीय व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिन पर पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह देने और हमले की तैयारी में सहायता करने का आरोप है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान परवेज अहमद और बशीर अहमद के रूप में हुई है, जो पहलगाम के बटकोट और हिलपार्क क्षेत्रों के निवासी हैं।
आतंकियों को दी थी छिपने की जगह और रसद
एनआईए की पूछताछ में सामने आया है कि दोनों गिरफ्तार व्यक्तियों ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकियों को हमले से पहले एक ढोक (झोपड़ी) में शरण दी थी। यही नहीं, उन्होंने उन्हें भोजन, पानी और जरूरी सामान भी मुहैया कराया। आतंकियों ने इसी स्थान पर पूरे नरसंहार की योजना बनाई थी, जिसके तहत उन्होंने 22 अप्रैल को बैसरन क्षेत्र में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति की हत्या कर दी थी।
डिजिटल सबूतों से खुल रही नई परतें
जांच एजेंसी ने आरोपियों के मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइसेज़ जब्त कर लिए हैं। इन उपकरणों से संदिग्ध कॉल रिकॉर्ड, संदेश और अन्य डाटा बरामद हुए हैं, जिनसे आतंकी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान में मदद मिल रही है। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इन आतंकियों के सीधे पाकिस्तान से संपर्क थे।
फरार आतंकियों की तलाश तेज, इनाम घोषित
हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकी अभी फरार हैं। प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इनकी तलाश में जुटी हैं और उनका मानना है कि स्थानीय मददगारों की गिरफ्तारी से आतंकियों की लोकेशन का पता लगाना आसान हो गया है। विशेष तलाशी अभियान भी जारी हैं।
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250 संदिग्धों से पूछताछ, सुरक्षा एजेंसियों का नेटवर्क पर फोकस
एनआईए ने पहलगाम व आसपास के इलाकों में 250 संदिग्धों से पूछताछ की है, जिनमें कई पूर्व आतंकियों और उनके पुराने सहयोगियों के नाम भी शामिल हैं। लगभग 100 लोगों को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है। एनआईए का जोर अब ऐसे सहयोगी नेटवर्क को खत्म करने पर है, जो आतंकवादियों को जमीन स्तर पर सहायता प्रदान करते हैं।




















































