चुनाव आयोग (Election Comission) ने शनिवार को जानकारी दी कि बिहार में मतदाता सूची के मसौदे पर किसी भी राजनीतिक दल की ओर से अब तक न तो कोई दावा पेश किया गया है और न ही कोई आपत्ति दर्ज कराई गई है। आयोग ने बताया कि दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन राजनीतिक दलों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मसौदा मतदाता सूची में सुधार के लिए यह प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू हुई थी।
मतदाताओं से मिली हजारों प्रतिक्रियाएं
राजनीतिक दलों की खामोशी के बावजूद, चुनाव आयोग को सीधे तौर पर मतदाताओं से 7,252 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इसके अलावा, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से 43,000 नए पंजीकरण फॉर्म जमा हुए हैं। आयोग के अनुसार, यह प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत चलाई जा रही है।
बिना जांच हटाया नहीं जाएगा कोई नाम
एसआईआर ( SIR) के आदेशों के मुताबिक, 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी भी मतदाता का नाम हटाने से पहले निर्वाचन रजिस्ट्री अधिकारी (ईआरओ) या सहायक निर्वाचन रजिस्ट्री अधिकारी (एईआरओ) द्वारा जांच की जाएगी। साथ ही संबंधित व्यक्ति को निष्पक्ष एवं उचित अवसर देने के बाद ही अंतिम आदेश पारित किया जाएगा।
राहुल गांधी का गंभीर आरोप
इस बीच, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव ‘कोरियोग्राफ्ड’ तरीके से कराए जा रहे हैं। कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदान पर कांग्रेस के शोध का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि वहां 1,00,250 वोट चोरी किए गए हैं।
भाजपा पर निशाना, कांग्रेस की जीत का दावा
राहुल गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने अन्य कई सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि महादेवपुरा में भाजपा विजयी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिणाम वोटों में हेरफेर का नतीजा है और चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए।