उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने घोषणा की कि इंडिया गठबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी (B. Sudarshan Reddy) उम्मीदवार होंगे। खरगे ने बताया कि गठबंधन की बैठक में रेड्डी के नाम पर सर्वसम्मति से सहमति बनी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल पद का नहीं, बल्कि विचारधारा की लड़ाई है।
राधाकृष्णन बनाम सुदर्शन रेड्डी की टक्कर
इंडिया ब्लॉक के फैसले के बाद अब 9 सितंबर को एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने होंगे। गठबंधन का जोर एकता का संदेश देने पर रहा, जबकि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने गैर-राजनीतिक नाम पर जोर दिया था। इसके बावजूद साझा सहमति के तहत बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारने का निर्णय हुआ।
Also Read- ‘पहले सांसद, फिर राज्यपाल और अब उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार…’, कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
न्यायपालिका से राजनीति तक का सफर
बी. सुदर्शन रेड्डी का कानूनी करियर लंबा और अहम रहा है। 1971 में उन्होंने आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया और रिट व सिविल मामलों में प्रैक्टिस की। साल 1988 से 1990 तक उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील के तौर पर सेवाएं दीं। इसके बाद वे केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी रहे।
मुख्य न्यायाधीश से सुप्रीम कोर्ट जज तक
रेड्डी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के रूप में काम किया। 2 मई 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। न्यायपालिका में अपनी मजबूत पहचान बनाने वाले रेड्डी अब उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में उतर चुके हैं।