पाकिस्तानी कैदी मो. मसरूफ की रिहाई, कड़ी सुरक्षा में दिल्ली रवाना

संवाददाता मुकेश कुमार, गोरखपुर। जिला कारागार में बंद पाकिस्तानी कैदी मो. मसरूफ उर्फ गुड्डू की रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बुधवार सुबह, बहराइच एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीम ने उसे कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली रवाना किया। दिल्ली में उसे पाकिस्तानी दूतावास को सौंपा जाएगा, जहां से उसकी आगे की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद 7 फरवरी को उसे अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।

पाकिस्तान के कराची शहर के रहने वाले मो. मसरूफ को 2008 में बहराइच पुलिस ने जासूसी, देशद्रोह, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2013 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 2015 में उसे वाराणसी सेंट्रल जेल भेजा गया था, लेकिन 2019 में उसे गोरखपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उसे हाई-सिक्योरिटी बैरक में रखा गया।

भारत सरकार ने उसकी सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, रिहा किए जा रहे पाकिस्तानी कैदियों के खिलाफ अब कोई लंबित मामला नहीं है और संबंधित राज्य सरकारों ने उनकी रिहाई को मंजूरी दे दी है। कैदियों को उनके दस्तावेज और पहचान पत्र के साथ सुरक्षित और व्यवस्थित स्थिति में सौंपा जाएगा। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें अटारी बॉर्डर तक सुरक्षित पहुंचाया जाए।

गोरखपुर जेल में बंद मो. मसरूफ के अलावा, गुजरात की भुज जेल में बंद खादम हुसैन तैमूर और राजस्थान की अलवर जेल में बंद नंदलाल को भी रिहा किया जाएगा। ये तीनों कैदी 7 फरवरी को अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपे जाएंगे।

जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने कहा कि बहराइच एलआईयू की टीम ने जेल प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया है। अब दिल्ली में उसकी आगे की औपचारिकताएं पूरी कर उसे अटारी बॉर्डर पर भेजा जाएगा।