राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज दुबग्गा स्थित चरक अस्पताल में बुधवार सुबह इलाज के दौरान 30 वर्षीय सिपाही अभिषेक सिंह की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई, जिसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। वहीं, मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मृतक सिपाही के परिजनों को शांत कराया।
इस मामले में इंस्पेक्टर ठाकुरगंज दीनानाथ मिश्रा का कहना है कि पत्नी की तहरीर पर अस्पताल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने बाद आगे की कार्रवाई होगी। जानकारी के मुताबिक, मृतक सिपाही अभिषेक सिंह तीन महीने पहले तक एक राज्य मंक्षी की सुरक्षा में तैनात थे।
Also Read: अखिलेश यादव का प्रहार- अहंकार में डूबी है कांग्रेस, इन्होने हमेशा समाजवादियों को धोखा दिया
इस दौरान सिपाही ने बीमारी की वजह से अपनी ड्यूटी रिजर्व पुलिस लाइन में करा ली थी। लेकिन मंगलवार की दोपहर काम से निकलने के बाद सिपाही अभिषेक सिंह के पेट में अचानक तेज दर्द उठने लगा। ऐसे में उसे दोपहर के वक्त चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान सिपाही ने अपनी पत्नी प्रीति को फोन कर अस्पताल बुला लिया।
अस्पताल पर 2 लाख वसूलने का आरोप
वहीं, अविनाश ने आरोप लगाया है कि इलाज में लापरवाही की वजह से उसके भाई अभिषेक सिंह की हालत बिगड़ गई। डॉक्टर इलाज के बजाय रुपए वसूलने में लगे रहे। अविनाश के मुताबिक, उनसे दो लाख रुपए लिए गए। लेकिन बुधवार सुबह इलाज में लापरवाही की वजह से सिपाही की मौत हो गई। उधर मृतक सिपाही के साले शिवम सिंह का आरोप है कि दवा के लिए रुपए पहले जमा करा लिए जाते थे, लेकिन दवा मरीज तक 2-3 घंटे बाद पहुंचाई जाती थी, मौत लापरवाही से हुई है।
Also Read: सलाम: बहन की शादी के लिए घर आये युवक के 40 हजार रुपये ट्रेन में छूटे, सिपाही ने लौटाये वापस
मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक सिपाही साल 2011 बैच में भर्ती हुए थे। उधर, चरक अस्पताल के मैनेजर प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि मरीज गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, उसका लीवर पूरी तरह से खराब हो चुका था। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती के दौरान पिता ने मरीज के हाई रिस्क कागज पर हस्ताक्षर भी किए थे। परिवारीजनों को मरीज की स्थिति से अवगत कराया गया था।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )