महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में स्थित मुग़ल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राज्य सरकार से मांग की है कि इसे जल्द से जल्द हटाया जाए। VHP के महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने इसे गुलामी का प्रतीक बताते हुए, 17 मार्च, यानी आज शिवाजी महाराज की जयंती पर छत्रपति संभाजीनगर की तरफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
भाजपा ने उद्धव गुट पर लगाए आरोप
भाजपा विधायक राम कदम ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने औरंगजेब के महिमामंडन को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में ही औरंगजेब की प्रशंसा की जा रही थी, जो अब भाजपा सरकार द्वारा विरोध किया जा रहा है।
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कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने इस विवाद पर राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोगों को ऐतिहासिक मुद्दों में उलझाकर असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा, “राज्य में तनावपूर्ण हालात हैं, किसानों की समस्याएं बढ़ रही हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, और भाजपा केवल हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा कर रही है।”
कांग्रेस का तर्क
कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी कहा कि विहिप और बजरंग दल के पास अब कोई काम नहीं है। उनका उद्देश्य राज्य के विकास में रुकावट डालना है। उन्होंने औरंगजेब की कब्र हटाने पर सवाल उठाया और कहा, “जब औरंगजेब 27 साल तक महाराष्ट्र में रहा, तो उसने कुछ खास नहीं किया। अब कब्र हटाने से क्या मिलेगा?”
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VHP नेता का बयान
गोविंद शेंडे ने कहा, “औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का कोई निशान क्यों रहना चाहिए?” शेंडे के इस बयान ने विवाद को और तूल दे दिया है।
बजरंग दल नेता का बयान
बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने शनिवार को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इस काम को नहीं करती है, तो उसका परिणाम बाबरी मस्जिद जैसे ही होगा।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
इतिहासकारों के अनुसार, मुग़ल सम्राट औरंगजेब की कब्र 1707 में उनके निधन के बाद उनकी इच्छा के मुताबिक, महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में बनाई गई थी। औरंगजेब को उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया था, जो छत्रपति संभाजीनगर से करीब 25 किमी दूर स्थित है।औरंगजेब की कब्र एक साधारण मिट्टी से बनी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने संगमरमर से सजवाया। यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहां आज भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
पुलिस ने कब्र स्थल पर बढ़ाई सुरक्षा
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने खुल्दाबाद स्थित औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने कब्र के आसपास बैरिकेड्स लगाए हैं और वहां केवल एक व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति दी गई है। मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है, और कब्र को अब केवल बाहर से देखा जा सकता है।