बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली भाजपा विधायक साधना सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए बसपा नेता राम चंद्र गौतम ने चंदौली के बबुरी थाने में तहरीर दी है.
रामचंद्र गौतम ने दी गई तहरीर में कहा है कि मायावती पर की गई टिप्पणी सिर्फ बहन जी (मायावती) का ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज की नारियों का अपमान है. इसलिए जरूरी है कि साधना सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
बता दें कि मुगलसराय से भाजपा बिधायक साधना सिंह विपक्षियों पर हमला बोलते-बोलते इतना बह गयीं कि बसपा प्रमुख मायावती को किन्नर से भी बदतर बता डाला. उन्होंने कहा “हमको तो यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री न तो महिला में लगती हैं न जेंट्स में लगती हैं. इनको तो अपना सम्मान ही नहीं समझ मे आता है. जिस महिला का इतना बड़ा चीरहरण हुआ. आज की इस महिला का सब कुछ लुट गया, उसके बाद भी कुर्सी पाने के लिए अपने सारे सम्मान को बेच दिया. ऐसी महिला नाम लेने वाली मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं.”
हलांकि बयान पर तीखी आलोचना के बाद साधना सिंह ने माफ़ी मांग ली है. उन्होंने कहा कि पत्र जारी कर कहा है पिछले दिनों उनके दौरा दिए गए भाषण के दौरान उनकी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी. बीजेपी विधायक ने कहा, ‘उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ यही थी कि 2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी ने जो मायावती की मदद की थी, उसे सिर्फ याद दिलाना था, न कि उनका अपमान करना था. यदि मेरे शब्दों से किसी को कष्ट हुआ है तो मैं खेद प्रकट करती हूं.
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