मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केवल जनता के बीच ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं. अपनी हाजिरजवाबी से शिवराज अक्सर यूजर्स को लाजवाब कर देते हैं. सीएम पद जिम्मेदारी खत्म होने के बाद अब वह ट्विटर पर यूजर्स के सवालों के जवाब भी दे रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री रहते हुए भी कई बार शिवराज सिंह चौहान सवालों के जवाब दिया करते थे.
दरअसल, @OneTipOneHand_ ट्विटर यूजर ने शिवराज सिंह चौहान को टैग करते लिखा, ”मामाजी, आप हर किसी को जवाब दे रहे हैं, मगर अपने सबसे समर्पित भांजे को रिप्लाई नहीं दे रहे.” ..इस पर शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए कहा- “आज दिल्ली में हूं मेरे प्रिय भांजे, वक़्त मिलते ही आप को रिप्लाई कर दिया. ख़ुश रहें, सदैव सुखी रहें”. जिसके बाद यूजर ने उन्हें – “थैंक्य यू मामाजी” कहा.
इस बीच एक और भांजा @seriousfunnyguy हाजिर हुआ और उसने कहा- “तो दिल्ली वाले भांजे को एक प्याली चाय पिला दें मामाजी. DM ओपन है लोकेशन और समय भेजने के लिए”. इस पर भी शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया और कहा- “मौका और समय मिला तो एक दिन साथ में चाय ज़रूर पिएंगे”.
ये कोई बार बार नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान ने यूजर के जवाब दिए हों. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के ठीक बाद एक यूजर @niranjanchauh ने ट्वीट किया, ”आदरणीय शिवराज सिंह चौहान जी, मैं पटना बिहार का रहनेवाला हूं और सोशल मीडिया ट्वीटर पर पीछले तीन साल से जुडा़ हूं लेकिन इन तीन सालों में पहली बार किसी के हार के बावजूद विरोधी भी इतनी प्रशंसा कर रहे हैं तो वो आप हैं. आपमें अटल जी की जैसी विनम्रता झलकती है. सचमुच MP ने शिवराज को खो दिया.”
इसके जवाब में ‘मामाजी’ लिखते हैं, ”ना मध्यप्रदेश ने शिवराज खोया है, और ना मैंने मध्यप्रदेश. मैं तो सिर्फ़ मध्यप्रदेश का हूं और मध्यप्रदेश मेरा.”
एक दशक से अधिक समय से सत्ता पर काबिज शिवराज सरकार के खिलाफ ‘एंटी इनकंबेसी’ फैक्टर के बावजूद उन्हें हराने में कांग्रेस के पसीने छूट गए. आखिरकार शिवराज सिंह में ऐसा क्या है कि मध्यप्रदेश में उनकी सरकार को मात देने का कांग्रेस का सपना पूरी तरह पूरा नहीं हो पाया. मध्यप्रदेश के लोग इसके पीछे कारण शिवराज सिंह की आम आदमी की छवि को मानते हैं. शिवराज ने बेहद चतुराई से यह छवि गढ़ी है. मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए वे ‘मामा’ हैं तो महिलाओं के ‘भाई’. व्यवहार में शिवराज बेहद सौम्य हैं, सियायत में शायद ही उनका कोई ‘शत्रु’ हो. यही कारण रहा कि राज्य में दो दशक से अधिक समय तक सत्ता पर काबिज रहे.
देखिये, हार के बाद शिवराज के लिए उनकी बहनों का प्यार
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