उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवाही हत्याकांड के बाद पुलिसकर्मियों का विरोध देखने को मिला। पहले तो यूपी पुलिस के जवानों ने आरोपी सिपाही के पक्ष में अपना विरोध जाहिर किया। लेकिन इसके बाद यूपी पुलिस के जवानों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध जताया। ऐसे में अब डीजीपी मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों के तबादले में बॉर्डर स्कीम लागू करने के बजाय गृह जनपद के पास जिलों में तैनाती को तरजीह दी है।
डीजीपी मुख्यालय ने लिया संज्ञान
जानकारी के मुताबिक, पिछले पांच दिनों में 883 पुलिसकर्मियों के तबादले किए गए हैं। सबसे खास बात ये है कि इनमें पुलिसकर्मियों को उनके घर के पास के जिलों में तैनाती दे दी गई है। खबर है कि आने वाले समय में अन्य पुलिसकर्मियों के तबादले में भी यही आधार होगा।
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बता दें कि पुलिस महकमे में सिपाही, हेड कांस्टेबल और दारोगा दूरस्थ जिलों में तैनाती, वेतन विसंगति और अन्य समस्याओं को लेकर खासा विरोध देखने को मिला है। गोमती नगर में विवेक तिवारी हत्याकांड में दो सिपाहियों को जेल भेजे जाने के बाद यह विरोध खुलकर सामने आया।
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ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए सिपाहियों और दारोगाओं के हित से जुड़े प्रस्तावों पर विचार शुरू किया गया था। एक कमेटी बनाकर सभी जिलों से फीड बैक मांगा गया था। इसी आधार पर डीजीपी मुख्यालय ने 22 के बाद 304 सब इंस्पेक्टर और 578 कांस्टेबल को गृह जनपद के समीप तैनाती दी है।
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