उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जनपद के कुंडा के शेखपुर आशिक में मुहर्रम के मौके पर लगे मस्जिद नुमा गेट (Muharram Gate) को हटाने की मांग को लेकर विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के पिता (Raja Bhaiya Father) उदय प्रताप (Uday Pratap) का धरना गुरुवार को भी जारी है। वह रात भर धरने पर बैठे रहे। जिले के डीएम और एसपी के बहुत मनाने पर भी वह नहीं उठे। राजा भैया के पिता के साथ तमाम समर्थक पर धना स्थल पर जमा हैं।
दरअसल, शेखपुर आशिक गांव में कई दिन पहले मुहर्रम के लिए मस्जिद नुमा गेट तैयार कर दिया गया, जिसका कुंडा विधायक राजा भैया के पिता उदय प्रताप ने विरोध किया है। उन्होंने इसे हटाने की जिला व पुलिस प्रशासन से मांग की। जब गेट को नहीं हटाया गया तो बुधवार की सुबह 10 बजे कुंडा तहसील परिसर में उदय प्रताप समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।
सुबह से उदय प्रताप सिंह को धरने से उठाने के लिए कई राउंड में एएसपी पश्चिमी रोहित मिश्रा, एसडीएम कुंडा सतीश चंद्र त्रिपाठी, सीओ अजीत सिंह ने बात की, लेकिन उदय प्रताप वहां से हिले तक नहीं। उनकी मांग है कि गेट हटाया जाए। दिन भर धरने के बाद रात में राजा भैया के दोनों बेटे भी अपने बाबा उदय प्रताप के साथ बैठ गए। इसके बाद रात करीब 10:20 पर डीएम नितिन बंसल और एसपी सतपाल अंतिल ने आकर उदय प्रताप से बात शुरू की।
प्रतापगढ़ के कुण्डा में हिन्दू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर राजा उदय प्रताप सिंह बड़े महाराज का कुण्डा तहसील परिसर में हजारों समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन ।@myogiadityanath सरकार से मांग कर रहे है उदय महाराज @rajnathsingh @Uppolice @TheLallantop @pratapgarhpol @dgpup pic.twitter.com/MsAYLmbRRH
— Local News Kunda (@Localnewskunda) August 3, 2022
उन्हें धरना खत्म करने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन राजा उदय प्रताप अपनी मांग पर अड़े रहे। रात में डीएम-एसपी ने उनके साथ धरना स्थल पर भोजन भी किया। इस दौरान धरने पर बैठे राजा उदय प्रताप का ब्लड प्रेशर डाउन होने की सूचना पर सीएचसी प्रभारी डा. राजीव त्रिपाठी, डा. अखिलेश उपाध्याय टीम मौके के साथ आए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच करने के बाद उन्हें दवाइयां दी। करीब 2 घंटे तक समझाने बुझाने के बाद जब राजा उदय प्रताप नहीं माने तो डीएम और एसपी जिला मुख्यालय के लिए रवाना हो गए थे।
लेकिन, गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे धरने पर बैठे राजा उदय प्रताप सिंह नित्य क्रिया के लिए भदरी कोठी गए जबकि बाकी लोग धरना स्थल पर मौजूद रहे। कुछ देर बाद वह फिर कुंडा तहसील परिसर आकर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि उस गेट को हटाया जाए तभी वह यहां से जाएंगे।