RSS का बड़ा स्टैंड, काशी और मथुरा आंदोलन में स्वयंसेवक हो सकते शामिल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने काशी और मथुरा को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर स्वयंसेवकों का एक वर्ग इन मामलों में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है, तो उन्हें रोका नहीं जाएगा। हालांकि, उन्होंने बड़े पैमाने पर मस्जिदों पर सवाल उठाने से बचने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील भी की।

तीन भाषा नीति का समर्थन

होसबाले ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण और उनके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में समृद्ध साहित्यिक कार्य हुआ है, और यदि भविष्य की पीढ़ियां इन्हें नहीं पढ़ेंगी या लिखेंगी, तो उनकी प्रगति मुश्किल हो जाएगी।उन्होंने तीन भाषा नीति का समर्थन करते हुए कहा कि यह 95% भाषा विवादों को हल कर सकती है। उनका मानना है कि भारतीय भाषाओं में पढ़े-लिखे लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरूरत है, जिससे उनका आर्थिक भविष्य मजबूत हो सके।

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हिंदी पर राजनीति के सवाल पर क्या बोले?

होसबाले ने भाषा विवाद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि संस्कृत का ज्ञान सभी के लिए उपयोगी होगा, जैसा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने भी कहा था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर किसी को किसी राज्य में रोजगार चाहिए, तो उसे वहां की भाषा सीखनी चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि समस्या तब खड़ी होती है जब भाषा को राजनीति और विरोध के नाम पर थोपने का मुद्दा बना दिया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाषा की विविधता के बावजूद भारत हजारों वर्षों से एकजुट नहीं रहा है? उनके अनुसार, हमने अनावश्यक रूप से भाषा को समस्या बना दिया है।

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