रूस के S-400 और अमेरिका के Patriot मिसाइल डिफेंस सिस्टम के बीच तुलना कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल ही में भारत–पाक के बीच मई 2025 के तनाव और यूक्रेन युद्ध के ताज़ा अनुभवों के बाद यह बहस फिर से गरम हो गई है। सोशल मीडिया से लेकर सैन्य हलकों तक, हर कोई यही पूछ रहा है , किसकी ढाल सबसे मजबूत है?
S-400, रूस की लंबी दूरी वाली मिसाइल ढाल
- रूस में विकसित S-400 Triumf को 2007 में सेना में शामिल किया गया।
- इसकी सबसे बड़ी ताकत है लंबी रेंज — 40N6E मिसाइल 400 किमी तक मार कर सकती है।
- इसका राडार 600 किमी दूर तक दुश्मन को पहचान सकता है और एक साथ 80 लक्ष्य ट्रैक कर सकता है।
- यह लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइल — सबको निशाना बना सकता है।
भारत के लिए संदर्भ
मई 2025 में पाकिस्तान ने चीन से मिली कई मिसाइलें भारत पर दागीं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, S-400 ने इन सभी को सीमा के पार ही मार गिराया। इससे दिल्ली, अमृतसर और जयपुर जैसे बड़े शहर पूरी तरह सुरक्षित रहे।
Patriot: अमेरिका का भरोसेमंद लेकिन महंगा हथियार
- अमेरिका में बना Patriot MIM-104 1980 के दशक से सेवा में है और अब इसके आधुनिक वर्ज़न PAC-3 का इस्तेमाल हो रहा है।
- रेंज -S-400 से कम है — लगभग 180 किमी।
- खासियत -‘हिट-टू-किल’ तकनीक, जिसमें मिसाइल को सीधे टक्कर मारकर नष्ट किया जाता है। यह नाटो देशों के नेटवर्क आधारित रक्षा तंत्र में बड़ी भूमिका निभाता है।
यूक्रेन के लिए संदर्भ
यूक्रेन युद्ध में Patriot ने कई बार रूसी Kinzhal हाइपरसोनिक मिसाइलें रोकीं, लेकिन कुछ मौकों पर यह ड्रोन हमलों में असफल भी रहा।
विशेषज्ञों की राय:
- रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि ,S-400 बड़े क्षेत्रों और शहरों की सुरक्षा के लिए बेहतर है।
- Patriot गठबंधन आधारित रक्षा के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
- दोनों की अपनी-अपनी खूबियां और कमजोरियां हैं, लेकिन भारत जैसे अकेले मोर्चे पर खड़े देश के लिए S-400 एक मजबूत विकल्प है।





















































