‘चुनाव में कहा किसानों को 5 साल तक बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा, अब कह रहे भुगतान करो तभी लाइट आएगी’, अखिलेश का बीजेपी पर हमला

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लगातार सत्ताधारी पार्टी पर हमलावर है। आज एक बार फिर से प्रदेश में बिजली के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बिजली बिल जमा कराने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जनता पर बिजली संकट क्यों थोपा जा रहा है।

अखिलेश यादव ने किया हमला

जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर एक बार फिर हमला करते हुए कहा है कि सरकार ने कहा था कि किसानों को 5 साल तक बिजली का बिल नहीं देना होगा लेकिन सरकार अब कह रही है कि हर एक उपभोक्‍ता भुगतान करे, तभी आपूर्ति होगी। सोमवार को एक ट्वीट में अखिलेश ने लिखा कि सरकार बताए कि समाजवादी पार्टी के समय में जो उत्‍पादन क्षमता बढ़ी थी, उसमें इस सरकार ने कोई बढ़ोत्‍तरी क्‍यों नहीं की। जनता पर बिजली संकट क्‍यों थोपा।

सपा प्रमुख ने दूसरे ट्वीट में लिखा, “उप्र की भाजपा सरकार अगर सच में बेकारी से जूझ रही जनता के साथ है तो उसे ‘कोरोना काल 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022’ तक के बक़ाया बिजली बिल माफ़ करने चाहिए।” गरीबों की सरकार से ये खास अपेक्षा है क्योंकि उनकी कमाई नहीं हुई है और वरिष्ठ नागरिकों की भी क्योंकि ब्याज दर आधी रह गयी है।

हाल ही में जारी हुआ था बिजली कटौती का आदेश

गौरतलब है सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बिजली निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों को बिजली कटौती बंद करने और रोस्‍टर के हिसाब से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। दूसरी तरफ विपक्ष बिजली संकट पर लगातार सरकार को घेर रहा है। इसके पहले अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने बिजली उत्पादन के लिए कोई काम नहीं किया।

अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है, तो बिजली कहां से मिलेगी? भाजपाई झूठे दावों की असलियत अब सामने आ रही है। सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि बिजली बिल बकाए के भुगतान के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लाई जाए। योजना ऐसी हो, जिसमें लोगों को बकाए पर ब्याज से छूट मिले, क़िस्त में भुगतान की सुविधा हो। इस संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही अपेक्षित है।

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