समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रदेश के किसानों से गेहूं खरीद में लापरवाही का आरोप लगाते हुए योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सरकार गेहूं खरीद में श्वेत पत्र जारी करे, जिससे हकीकत सामने आए। गेहूं खरीद में हर स्तर पर लापरवाही सामने आ रही है। गेहूं खरीद की तारीख बढ़ाने का दावा किया जा रहा है, जबकि ज्यादातर खरीद केंद्र बंद हो चुके हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसान को न फसल का दाम मिला है और ना ही मुआवजा। महंगाई की मार ने उसकी कमर तोड़ दी है। सरकारी खरीद पोर्टल काम नहीं कर रहा है। किसान का खलिहान में रखा गेहूं भीगने की वजह से खराब हो रहा है तो कुछ क्रय केंद्र पर पड़ा है। रामपुर में क्रय केंद्रों पर किसान भटक रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि गेहूं की तौल में आनाकानी हो रही है। इटावा में उपकेंद्रों पर तौल बंद है। इसी तरह चीनी मिल मालिकों पर किसानों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हितों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं हैं। बता दें कि सपा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की संस्तुति पर सपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र सोलंकी भुर्जी ने कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है।
इसमें रवि रांझा को महासचिव, मजिबुल्ला राही, कमलाकांत प्रजापति, बिलाल खान, रमेश चंद्र को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह अवधेश राजभर, सुमन पासवान, सिद्धांत यादव, महेन्द्र बच्चन, कुलकुला ढोलकिया को सचिव मनोनीत किया गया है। इसके अलावा 25 कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं।
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