योगी सरकार में गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसलों का नतीजा, चीनी उत्पादन में नंबर वन बना उत्तर प्रदेश- शलभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी की सरकार गन्ना किसानों के हित में शानदार फैसले ले रही है. महज 18 महीनों की सरकार में उत्तर प्रदेश सरकार ने बंद पड़ी तमाम चीनी मीलों को दुबारा शुरू कराने के साथ ही तमाम पुरानी मीलों की क्षमता बढ़ाने का काम भी गया है. खास बात ये है कि इसमें चौधरी चरण सिंह के कर्मक्षेत्र रमाला की शुगर मिल भी शामिल है. इस चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने और इसे अत्याधुनिक बनाने की मांग पिछले 35 सालों से किसान भाई कर रहे थे. परन्तु योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने इसे संवेदनशीलता से लेते हुए लगभग 400 करोड़ रुपये देकर चीनी मिल का कायाकल्प कराया है और चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि को बड़ा तोहफा दिया है.

 

शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में योगी आदित्यनाथ जी और गन्ना मंत्री सुरेश राणा जी की कोशिशों का ही नतीजा है कि यूपी ने इस बार देश में चीनी के उत्पादन की 38 फ़ीसदी चीनी का उत्पादन कर रिकार्ड कायम किया है. उत्तर प्रदेश ने इस बार अकेले 120 लाख टन चीनी उत्पादन का काम किया है, जो कि पहली बार हुआ है. इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने अखिलेश सरकार के दौरान बकाया गन्ना किसानों का भुगतान तो किया ही, इस सत्र में भी गन्ना किसानों का तेजी से भुगतान किया जा रहा है. कुछ चीनी मिलें जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हैं, उनको गन्ना किसानों के भुगतान के लिए सरकार ने सॉफ्ट लोन की सुविधा मुहैया कराई है, ताकि गन्ना किसानों के भुगतान में किसी तरह की कोई परेशानी न हो. यह भी सुनिश्चित कराया गया है कि सॉफ्ट लोन का पैसा चीनी मिलों के खाते में न जाकर सीधे गन्ना किसानों के खाते में भेजा जायेगा.

 

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इन्हीं प्रयासों से योगी आदित्यनाथ की सरकार अब तक गन्ना किसानों को 27 हजार 486 करोड़ का भुगतान कर चुकी है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव जी की सरकार के दौरान गन्ना किसानों का बकाया रहा 44 सौ 43 करोड़ रुपये का भी योगी जी की सरकार ने भुगतान कर दिया है. शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पिछली मायावती जी और अखिलेश जी की सरकारों के दौरान बंद चीनी मिलें बर्बाद कर औने पौने दामों में बेंच दी गयीं. सुगर का कटोरा कहा जानें वाला पूर्वांचल चीनी उत्पादन के क्षेत्र में पूरी तरह तबाह हो गया. नतीजा गन्ना किसानों की हालत भी दिन प्रतिदिन ख़राब होती चली गयी. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने शपथ लेने के फ़ौरन बाद से ही गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए. गन्ना किसानों ने गन्ने की पैदावार कम कर दी. इसी का नतीजा है कि महज 18 महीनों में योगी जी की सरकार ने सालों से बंद पड़ीं पिपराइच चीनी मिल, मुंडेरवा चीनी मिल, बुलंदशहर चीनी मिल, चंदौसी चीनी मिल दुबारा से शुरू करा दी है. इसका सीधा लाभ गन्ना किसानों को मिलने लगा है. गन्ना किसानों के हित में किये जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा जी बधाई के पात्र हैं.

 

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