उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2008 के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) को दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 3-3 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में अन्य सात आरोपी साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिए गए। 2 साल की सजा होने के कारण अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी जाना लगभग तय है।
जांच के विरोध में सड़क पर धरना देने का मामला
29 जनवरी, 2008 को मुरादाबाद जिले के छजलेट थाने में आजम खान, उनके बेटे और सात अन्य के खिलाफ पुलिस द्वारा आजम खान की कार की जांच के विरोध में सड़क पर धरना देने के बाद मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने सपा नेता महबूब अली, हाजी इकराम कुरैशी, पारस जैन, डी.पी. यादव और राजेश यादव समेत नौ लोगों पर मामले में केस दर्ज किया था।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें साल 2008 के एक केस में दोषी करार दिया है। यह मामला सपा नेता आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला और अन्य सपाइयों के खिलाफ 29 जनवरी 2008 में दर्ज कराया गया था।
छजलैट पुलिस ने 29 जनवरी 2008 को सपा के पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था। इस दौरान गुस्सां होकर सपा नेता आजम खान सड़क पर बैठ गए थे। वहीं आजम खान और उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने आरोप लगे थे और यह कार्रवाई इसी मामले में ही हुई है।
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साल 2008 में मुरादाबाद के छाजलैट थाने में दर्ज हुए इस मुकदमे की सुनवाई मुरादाबाद के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में आजम खान और अब्दुल्लाह खान, महबूब अली सहित 9 सपा नेता आरोपी थे। हालांकि कोर्ट ने बाकी लोगों को निर्दोष करार दिया है और आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को इस मामले में दोषी करार दिया है।
बता दें कि इस केस में अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर के सपा नेता मनोज पारस, सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता रामकुंवर प्रजापति आरोपी थे।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व विधायक को चुनाव की तारीख पर न्यूनतम योग्यता आयु प्राप्त नहीं करने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था।
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