बलिया: स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी के चलते जिले का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर चर्चा में है। विभागीय कर्मचारी के खिलाफ विपक्षी समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा (Ravidas Mehrotra) ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बाबू के कृत्यों के चलते विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
बलिया के स्वास्थ्य विभाग में तैनात मुन्ना बाबू नाम के कर्चमारी के आचरण और वित्तीय अनियमितताओं पर केंद्रित इस पत्र में लखनऊ के मध्य विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने लिखा है कि उक्त बाबू की लगातार शिकायतें आमजन से प्राप्त हो रही हैं। वे जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ गलत व्यवहार करते हैं और वित्तीय घोटाले में जेल भी जा चुके हैं। पूर्व में महकमे में तैनात रहे डॉ. जयंत कुमार द्वारा भी सीएमओ से उक्त कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की गई थी। सपा विधायक के अनुसार वे अनुशासनहीन एवं निरंकुश कर्मी हैं।
तत्कालीन सीएमओ बलिया डॉ. प्रीतम कुमार द्वारा उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसके उपरांत उनका निलंबन हुआ और वे जेल में निरुद्ध रहे। निलंबन के उपरांत उन्हें उक्त जनपद में ही पुनः तैनात कर दिया गया। विधायक का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मानव संपदा पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार मुन्ना बाबू ने 12 मई 1987 को नौकरी प्राप्त की थी। उन्होंने हाईस्कूल वर्ष 1984 एवं इंटर की परीक्षा वर्ष 1985 में उत्तीण दिखाई है। एक ही वर्ष के अंतराल में यह दोनों परीक्षाएं उत्तीर्ण करना संभव नहीं है। विधायक ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से अनुरोध किया है कि इस कर्मचारी की उक्त जिले में तैनाती जनहित में उचित नहीं है। उनका अंयत्र तबादला कर दिया जाए ताकि जिले का स्वास्थ्य कार्य सुचारू एवं सुगम रूप से संपादित हो सके।
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