कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर के 16वें संस्करण में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का सबसे बड़ा कारण सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति रही। उन्होंने स्पष्ट किया कि मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना को किसी भी तरह की बाहरी पाबंदी का सामना नहीं करना पड़ा और उन्हें योजना बनाने से लेकर उसे अंजाम देने तक पूरी स्वतंत्रता दी गई
आतंकी हमले के जवाब में की गई कार्रवाई
सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इसमें पाकिस्तान और पीओके में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। इसके साथ ही पाकिस्तान के कई एयरबेस को भी निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के हमले पूरी तरह सोच-समझकर किए गए ताकि सैन्य कार्रवाई परिपक्व और रणनीतिक हो।
पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान ढेर
अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल ने पुष्टि की कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया। यह कार्रवाई एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के जरिए की गई। इसके अलावा पाकिस्तान का एक बड़ा एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEWAC) विमान भी तबाह कर दिया गया, जिससे उनकी निगरानी और चेतावनी क्षमता पर गहरा असर पड़ा।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और NSA की भूमिका
सिंह ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की मौजूदगी ने इस ऑपरेशन में वास्तविक अंतर पैदा किया। उनका कहना था कि CDS ने सभी सेनाओं को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) द्वारा विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल स्थापित करना भी मिशन की सफलता में निर्णायक साबित हुआ।
सोची-समझी सैन्य रणनीति
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने जोर दिया कि इस ऑपरेशन में जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया गया। हर हमले की योजना गहन विचार-विमर्श के बाद बनाई गई ताकि उसका प्रभाव अधिकतम हो और अनावश्यक नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि यही परिपक्व रणनीति और सरकार का दृढ़ संकल्प ऑपरेशन सिंदूर को ऐतिहासिक सफलता बनाने में सबसे बड़ी वजह रही।