‘ये हार की हताशा है, न कि सच्चाई…’, राहुल गांधी के चुनाव धांधली आरोपों पर भाजपा का पलटवार

कांग्रेस (Congress) नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह चुनाव ‘लोकतंत्र में धांधली का एक ब्लूप्रिंट’ थे। उन्होंने दावा किया कि इसी तर्ज पर बिहार और अन्य राज्यों में भी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जाएगा। राहुल ने अपने एक्स पोस्ट में पांच चरणों में कथित साजिश के बारे में बताया है।

राहुल ने अपने एक्स पोस्ट में बताया

  • चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में धांधली।
  • मतदाता सूची में फर्जी नामों की बढ़ोतरी।
  • मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना।
  • भाजपा को जिताने के लिए फर्जी मतदान।
  • सबूतों को दबाया जाना।

मतदाता आंकड़ों पर सवाल

राहुल गांधी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में अचानक उछाल आया।2019 में 8.98 करोड़,मई 2024 (लोकसभा चुनाव) 9.29 करोड़, नवंबर 2024 (विधानसभा चुनाव) 9.70 करोड़,उन्होंने तर्क दिया कि पांच वर्षों में 31 लाख की वृद्धि सामान्य है, लेकिन मात्र पांच महीनों में 41 लाख की वृद्धि असामान्य और संदेहास्पद है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आंकड़ा राज्य की वयस्क आबादी (9.54 करोड़) से भी अधिक है।

मतदान प्रतिशत में रहस्यमयी बढ़ोतरी

राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनावी दिन शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 58.22% था, लेकिन अंतिम आंकड़ा 66.05% तक पहुंच गया,यानी करीब 76 लाख वोटों का अंतर। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि अब तक के किसी भी राज्य चुनाव से अधिक थी।

जेपी नड्डा का जवाब

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘झूठ और भ्रम का पुलिंदा’ बताया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता चुनावी हार से परेशान हैं और अब लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा ये हार की हताशा है, न कि सच्चाई।

नड्डा ने भी अपने बयान को पांच चरणों में दिया

  • चुनाव दर चुनाव कांग्रेस की हार।
  • आत्मचिंतन के बजाय साजिशों का रोना।
  • तथ्यों की अनदेखी और भ्रामक बयानों का प्रसार।
  • संस्थाओं को बिना सबूत बदनाम करना।
  • सच्चाई के बजाय सुर्खियों की उम्मीद।

भाजपा प्रवक्ताओं का समर्थन

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित रणनीति है, क्योंकि कांग्रेस को आगामी बिहार चुनावों में हार का डर है।

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