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ये होंगे चीफ सेक्रेटरी! 31 जुलाई को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह हो रहे रिटायर

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Chief Secretary Manoj Kumar Singh) का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है। सरकार ने उनके कार्यकाल को छह माह बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से सेवा विस्तार का प्रस्ताव भेजा है, जिसकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है। यदि यह मंजूर होता है, तो वे आगामी छह महीने तक पद पर बने रहेंगे, लेकिन यदि नहीं, तो राज्य को नया मुख्य सचिव नियुक्त करना होगा।

नए मुख्य सचिव को लेकर हलचल तेज 

मुख्य सचिव जैसे अहम पद को लेकर राज्य प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। संभावित दावेदारों में तीन वरिष्ठ IAS अधिकारियों के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं:

एसपी गोयल

एसपी गोयल, 1989 बैच के IAS अधिकारी, वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव के रूप में तैनात हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके करीबी और विश्वासपात्र संबंध उन्हें इस पद की दौड़ में सबसे आगे रखते हैं।गोयल की प्रशासनिक पकड़, निर्णय लेने की क्षमता और मुख्यमंत्री के साथ समन्वय ने उन्हें एक भरोसेमंद विकल्प बना दिया है। उनके नेतृत्व में प्रशासन में स्थिरता और सशक्त निर्णयों की उम्मीद की जा रही है।

दीपक कुमार

दीपक कुमार भी 1989 बैच के अधिकारी हैं और उनके पास विभिन्न विभागों में काम करने का व्यापक अनुभव है। हालांकि मुख्यमंत्री से उनकी निकटता कम मानी जाती है, फिर भी वे प्रशासनिक दक्षता और नीतिगत समझदारी के लिए जाने जाते हैं।उनकी छवि एक शांत, परिपक्व और निर्णयक्षम अधिकारी की है, जो इस पद के लिए उन्हें एक व्यावहारिक विकल्प बनाती है।

देवेश चतुर्वेदी

देवेश चतुर्वेदी का नाम भी संभावित दावेदारों की सूची में शामिल है। वे एक सक्षम और सजग प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं, जिन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के कई अहम पदों पर काम किया है।हालांकि उनकी तुलना में गोयल और दीपक कुमार अधिक चर्चित हैं, लेकिन यदि सरकार प्रशासन में किसी नए दृष्टिकोण और संतुलन को प्राथमिकता देती है, तो देवेश चतुर्वेदी भी एक अहम विकल्प बन सकते हैं।

क्या मनोज कुमार सिंह को मिलेगा सेवा विस्तार?

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की सेवाओं को राज्य सरकार ने अत्यंत प्रभावी और रणनीतिक बताया है। यही कारण है कि सरकार ने केंद्र से छह महीने का सेवा विस्तार मांगा है। अगर केंद्र से स्वीकृति मिलती है, तो वह अगले साल तक पद पर बने रहेंगे, जिससे सरकार को मौजूदा योजनाओं को जारी रखने में सहूलियत होगी।हालांकि, सेवा विस्तार को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। केंद्र की स्वीकृति के अभाव में राज्य सरकार को जल्द ही उत्तराधिकारी की घोषणा करनी होगी।

मुख्य सचिव का पद क्यों है अहम?

उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा और विविधतापूर्ण राज्य प्रशासनिक स्थिरता और दूरदर्शी नेतृत्व की मांग करता है। मुख्य सचिव का पद राज्य प्रशासन की रीढ़ होता है, जो नीतियों को क्रियान्वयन तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाता है।ऐसे में चाहे सेवा विस्तार हो या नया मुख्य सचिव नियुक्त हो , यह तय है कि आने वाले महीनों में यह पद राज्य के विकास और नीति निर्धारण में एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा।

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