‘कल आप महात्मा गांधी को अंग्रेजों का नौकर बता देंगे…’, सावरकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दी नसीहत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को वीर सावरकर (Veer Savarkar) को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के सिलसिले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कड़ी फटकार लगाई और उन्होंने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना बयानों की इजाजत नहीं देंगे। मामले की सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Deepanker Datta) और जस्टिस मनमोहन (Justice Manmohan) की बेंच ने की । शीर्ष अदालत ने कहा, ‘इस बार सावरकर हैं अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे। यदि इस तरह की टिप्पणी दोबारा की गई, तो हम स्वतः संज्ञान लेंगे।” हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार के साथ कुछ राहत भी दी और निचली अदालत में जारी मुकदमे की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने चार अप्रैल को राहुल को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था।

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कोर्ट की टिप्पणी

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ भविष्य में कोई अपमानजनक टिप्पणी न करने की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में सावरकर की पूजा की जाती है। आप इस तरह की टिप्पणियों से लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं।”

‘अगर ऐसा दोबारा हुआ तो लेंगे स्वतः संज्ञान’: कोर्ट 

पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि अगर इस तरह की बयानबाज़ी आगे भी जारी रही तो कोर्ट स्वतः संज्ञान लेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “इस बार सावरकर हैं, अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे।”

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क्या है पूरा मामला?

यह मामला 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र में दिए गए एक विवादित बयान से जुड़ा है। राहुल गांधी ने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ बताते हुए कहा था कि वह ‘अंग्रेजों से पेंशन लेते थे’। इस टिप्पणी को लेकर वकील नृपेंद्र पांडे ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। निचली अदालत ने इसे प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (A) और 505 के तहत अपराध मानते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया था।

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