उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने विभागों की कंजूसी पर चिंता जाहिर की है। साथ ही सभी विभागों को 22 दिन में 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य दिया गया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार ने सभी 72 विभागों (72 Department) को निर्देश जारी किए हैं।
सरकार का मानना है कि पूंजीगत खर्च से अवस्थापना और विकास का रास्ता खुलता है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इस वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय के लिए करीब 1.47 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। कोषागार से मिली रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त तक पूंजीगत व्यय पर सिर्फ 23,348 करोड़ खर्च किए गए हैं, जो इस मद के बजट का सिर्फ 23 फीसदी है।
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ऐसे में इतने कम खर्च पर सरकार ने चिंता जताई है, क्योंकि कम खर्च का असर केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष मदद पर पड़ेगा। पूंजीगत खर्च को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने राज्यों के लिए ये योजना जारी की है। इसके तहत 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। इस योजना के तहत यूपी को 17,939 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें से 11660 करोड़ रुपये राज्य को मिल चुके हैं।
अब शेष राशि प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को सितंबर तक पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित बजट में से 37,415 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे जबकि खर्च हुए हैं 23,348 करोड़। अब केवल 22 दिन बचे हैं और सरकार को करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने हैं।
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इसके बाद ही केंद्र सरकार शेष 6 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार को जारी करेगी। इसे देखते हुए वित्त मंत्री ने कड़े निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग इस महीने आवंटित बजट का कम से कम 50 फीसदी हर हाल में खर्च करें।
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