भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूत करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर अब तक 15 जिलों में सीमित नागरिक सुरक्षा प्रणाली को पूरे राज्य के 75 जिलों में लागू किया जाएगा।
राज्यभर में मजबूत होगा आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र
सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी को सुदृढ़ करना, त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना और एक लचीला सुरक्षा ढांचा तैयार करना है। इसके तहत राज्यभर में नागरिक सुरक्षा नेटवर्क को विस्तार दिया जाएगा।
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स्वयंसेवकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
नई नीति के तहत बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, प्राथमिक उपचार और राहत कार्यों से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि संकट की घड़ी में ये प्रशिक्षित लोग अहम भूमिका निभा सकें और राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से अंजाम दें।
हर जिले में बनेगा नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र
राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करें और प्रत्येक जिले में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित करें। इन केंद्रों के ज़रिए आम नागरिकों को भी जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा।
जन-जागरूकता अभियान होंगे आयोजित
सरकार का इरादा सिर्फ प्रणाली विकसित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, जिनके माध्यम से नागरिकों को सुरक्षा उपायों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की जानकारी दी जाएगी।
मॉक ड्रिल से मिली प्रेरणा
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के कई जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थीं, जिसमें ब्लैकआउट, फ्लैग मार्च और आपातकालीन प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां शामिल थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के डीजीपी ने स्वयं जनता से इन ड्रिलों में भाग लेने और सतर्क रहने की अपील की थी।
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नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि: सरकार
इस योजना के ज़रिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी आपात स्थिति में आम नागरिक न केवल सुरक्षित रहें, बल्कि स्वयं भी राहत और बचाव प्रक्रिया में सहायक बनें। यह पहल न केवल वर्तमान सुरक्षा ढांचे को सशक्त बनाएगी, बल्कि भविष्य की आपदाओं से निपटने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
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