बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) का देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मुद्दे पर बयान सामने आया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन देस की विविधता को देखते हुए इसे जबरन थोपे जाने के पक्ष में नहीं है।
मायावती ने कहा कि मायावती ने कहा कि भारत की विशाल आबादी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्घ और पारसी सहित विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं, जिनके अलग-अलग रस्म और रिवाज हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि अगर देश में सभी के लिए एक जैसा कानून लागू होगा तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा और आपसी सौहार्द बढ़ेगा। इसीलिए संविधान में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है, लेकिन उसे जबरन थोपने का प्रावधान संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जागरुकता व आम सहमति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल बनना शुरू हो गया है। आज अपना दल एस के कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हो रहे हैं। वहीं, अपना दल के दूसरे धड़े के कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल होंगे।
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