मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे उमर अंसारी (Umar Ansari) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HighCourt) से बड़ी राहत मिली है। गैंगस्टर एक्ट में जब्त जमीन को छुड़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज और मां के हस्ताक्षर करने के मामले में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। उमर पर यह आरोप है कि उन्होंने कोर्ट में जमीन छुड़ाने के लिए अपनी मां अफ्शा अंसारी के नाम से फर्जी वकालतनामा दाखिल किया था। जमानत याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की एकल पीठ ने की, जिसमें उमर की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा।
आरोप
यह मामला गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने से जुड़ा हुआ है। उमर अंसारी के खिलाफ थानाध्यक्ष मोहम्मदाबाद ने 3 अगस्त 2025 को एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य की कुर्क की गई संपत्ति को छुड़ाने के लिए अदालत में फर्जी दस्तावेज दाखिल किए थे। जांच में सामने आया कि जिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हैं, वह आफशा अंसारी के नहीं हैं। यह जमीन सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभदेवढ़ी दास मोहल्ले में स्थित है, जिसे 2021 में जिलाधिकारी के आदेश पर कुर्क किया गया था।
Also Read- गाजीपुर: मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज से जुड़ा मामला
लखनऊ से हुई थी गिरफ्तारी
उमर अंसारी को चार अगस्त को लखनऊ के दारूलशफा स्थित विधायक निवास से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले गाजीपुर की जेल में रखा गया, जहां से 23 अगस्त को उन्हें कासगंज की पचलाना जेल भेजा गया। कासगंज की एडीजे प्रथम कोर्ट ने उमर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने अब उन्हें जमानत दे दी है।
मां अफ्शा अंसारी फरार
इस मामले में उमर अंसारी की मां अफ्शा अंसारी भी आरोपी हैं। उन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है और वह अभी फरार चल रही हैं। आरोप है कि उमर ने अपनी मां की अनुपस्थिति में उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर वकालतनामा दाखिल किया था, ताकि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त संपत्ति को छुड़ाया जा सके। पुलिस ने इस मामले में दस्तावेजों की जांच के बाद जालसाजी की पुष्टि की और कार्रवाई की।