उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में लव जिहाद (Love Jihad) के मामलों में गठित एसआईटी (SIT) ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. वहीं इस रिपोर्ट में लव जिहाद की पुष्टि हुई है. मुस्लिम समाज के लड़कों ने पहछान छिपाकर हिंदू समाज की लड़कियों को फंसाया ऐसे आरोप रिपोर्ट में सही साबित हुए हैं. जांच में 14 मामलों में से 11 में आरोप सही पाए गए हैं. जिनमें आरोपियों को जेल भेज दिया हैं, वहीं 3 मामलों में लड़की ने आरोपी के पक्ष में बयान दिया है, जिसके चलते उन्हें छोड़ दिया गया है, इन मामलों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है.
आईजी जोन मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी ने लव जिहाद के इन मामलों में पाया कि 4 लड़के आपस में एक-दूसरे के संपर्क में थे. इन्होंने दूसरे धर्म की लड़कियों के साथ छल कर उनके साथ निकाह किया. इसके अलावा तीन मामलों में आरोपी लड़कों ने अपना हिंदू नाम बताकर लड़कियों को अपने जाल में फंसाया.
हालांकि बतौर आईजी लव जिहाद के इन मामलों में एसआईटी को विदेशी फंडिंग के सबूत नहीं मिले. संगठित साजिश के भी प्रमाण सामने नही आए. दूसरे धर्म की लड़कियों से निकाह करने के लिए आरोपियों ने लड़कियों का नाम और धर्म परिवर्तित कराया. नाम और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में कानून का पालन नहीं किया गया. पुलिस इन मामलों में आगे की कार्रवाई करेगी.
यूपी में आ रहा लव जिहाद के खिलाफ कानून
कानपुर में आए 11 मामले और फिर अलग-अलग शहरों से आए लव जेहाद के मामले आने के बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार लव जेहाद कानून ला रही है. इसका प्रस्ताव कानून मंत्रालय तक भी पहुंच गया है. इसके तहत जबरन धर्मांतरण पर पांच साल तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किए जाने की तैयारी है. इसे गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा.
INPUT- Prabhakar Srivastava
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