UP: पाकिस्तान समेत कई देशों में फैले साइबर ठगों के नेटवर्क से जुड़ी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रायबरेली पुलिस (Raebareli Police) ने बुधवार को रहीम नामक गैंग से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग कथित रूप से सीज हो चुके बैंक खातों की जगह नए खाते खुलवाने और पहले से गिरफ्तार एजेंट संजय पांडेय से पैसों के लेनदेन का हिसाब करने रायबरेली पहुंचे थे, जहां पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तमिलनाडु के चेन्नई निवासी जावेद जलाल और मथीअजागन के साथ-साथ बिहार के सिवान जिले के माधोपुर निवासी दिलशाद आलम शामिल हैं। जावेद चेन्नई में संचालित एक कंपनी वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन का निदेशक है, जिसमें दिलशाद भी कार्यरत था।
कंपनी के खाते में 142 करोड़ का लेनदेन
जांच के दौरान सामने आया कि वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन के एचडीएफसी बैंक खाते में रायबरेली से कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) के माध्यम से करीब 2.34 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। खाते का कुल लेनदेन 142 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका था।
साइबर ठगी के लिए बनाए गए थे फर्जी खाते
पुलिस ने बताया कि रहीम द्वारा भारत में एजेंटों के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों के जरिये बैंक खाते खुलवाए जाते थे। इन्हीं खातों का इस्तेमाल साइबर अपराध में किए गए पैसों को ट्रांसफर करने में किया जाता था। पहले ही अप्रैल 2025 में रायबरेली पुलिस ने इस गिरोह के संजय पांडेय, सोनू पांडेय, दुर्गेश, दीपक सिंह और सत्यम मिश्रा को जेल भेज दिया था।
907 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन, चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस द्वारा कंपनी के अन्य बैंक खातों की जांच के बाद और भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। चेन्नई स्थित एक्सिस बैंक के दो खातों में कुल 907 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है—एक खाते में 639 करोड़ और दूसरे में 268 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन दर्ज किया गया। पुलिस का मानना है कि यह रकम भी साइबर ठगी से संबंधित है।
पुरानी कंपनी में काम करते हुए मिली ठगी की प्रेरणा
आरोपी जावेद ने पूछताछ में बताया कि वह और मथीअजागन 2018 में निक्सटीजेन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, मदुरई में कार्यरत थे। वहीं इनकी मुलाकात महताब आलम नामक व्यक्ति से हुई थी, जो बाद में साइबर अपराध में इनका साथी बन गया। महताब के सहयोग से ही जावेद और मथीअजागन ने अपनी कंपनी बनाई और इसके जरिए करोड़ों का लेनदेन शुरू कर दिया।
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कैश डिपॉजिट के जरिए हुई ठगी
आरोपियों के अनुसार रायबरेली निवासी एजेंट संजय पांडेय ने सीडीएम के माध्यम से कंपनी के खाते में कई बार नकद पैसे जमा कराए थे। बैंक खातों के बार-बार सीज होने पर महताब आलम चेन्नई में नकदी मुहैया कराता था, जिसे बाद में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया जाता था।
गिरोह का सरगना अभी फरार
पुलिस के अनुसार गिरोह का मुख्य संचालक रहीम अभी फरार है जिसकी पाकिस्तान में होने की संभावना है। रहीम का नेटवर्क भारत, नेपाल और दुबई तक फैला है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है।