राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की क्राइम इन इंडिया 2023 रिपोर्ट ने योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) सरकार की कानून-व्यवस्था की तारीफ़ की है। आंकड़ों के मुताबिक 2023 में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगे एक भी नहीं हुए। यह पहली बार हुआ है जब यूपी जैसे बड़े राज्य में पूरे साल एक भी बड़ा दंगा दर्ज नहीं किया गया।
जीरो टॉलरेंस नीति का असर
2017 से पहले यूपी की स्थिति अलग थी। 2012 से 2017 के बीच पाँच साल में 815 दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2007-2011 के दौरान 616 घटनाओं में 121 लोगों की जान गई थी। इसके विपरीत, योगी सरकार के कार्यकाल में जीरो टॉलरेंस की नीति ने असर दिखाया और शांति बनाए रखने में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। बरेली और बहराइच की कुछ झड़पों को भी 24 घंटे के भीतर नियंत्रित कर लिया गया।
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अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25% कम
NCRB रिपोर्ट के अनुसार यूपी में कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत से एक चौथाई कम रही। देश का औसत 448.3 है, जबकि यूपी में यह 335.3 दर्ज किया गया। बड़ी आबादी वाले राज्य में यह गिरावट योगी सरकार की कड़ी नीतियों और त्वरित कार्रवाई की वजह से संभव हो पाई है।
गंभीर अपराधों में उल्लेखनीय कमी
राज्य में बलवा, डकैती और फिरौती के मामलों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पूरे देश में जहां बलवा के 39,260 मामले सामने आए, वहीं यूपी में केवल 3,160 मामले दर्ज हुए। फिरौती के लिए अपहरण में यूपी देश के 36वें स्थान पर रहा, जहां सिर्फ 16 घटनाएं दर्ज हुईं। डकैती के मामलों में तो राज्य लगभग “नियर जीरो क्राइम रेट” तक पहुंच गया।
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शांति और सुरक्षा का गढ़ बनता यूपी
रिपोर्ट इस बात को पुष्ट करती है कि यूपी अब शांति और सामाजिक सद्भाव का गढ़ बन रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी शासन प्रणाली, सख्त कानूनी कार्रवाई और जीरो टॉलरेंस नीति ने अपराध पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाई है। यह उपलब्धि न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।