देहरादून: उत्तरकाशी (Uttarkashi) से आए दुखद समाचार में 9 दिनों से लापता पत्रकार राजीव प्रताप सिंह (Journalist Rajeev Pratap Singh) का शव जोशियाड़ा बैराज की झील में मिलने से उनके परिवार और स्थानीय लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस मामले में तुरंत निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। राजीव के गुमशुदा होने के बाद से उनके मित्र और शुभचिंतक उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
पत्रकारिता के चलते मिल रही थी धमकियां
सूत्रों के अनुसार, राजीव प्रताप सिंह को उनके पत्रकारिता कार्य के कारण लगातार धमकियां मिल रही थीं। उन्हें भ्रष्टाचार और स्थानीय प्रशासनिक गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए निशाना बनाया जा रहा था। वह एक स्वतंत्र पत्रकार थे और ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्तरकाशी के स्थानीय मुद्दों को उजागर करते थे।
जिला अस्पताल की बदहाली पर बनाया था वीडियो
राजीव की पत्नी ने बताया कि हाल ही में उन्होंने उत्तरकाशी जिला अस्पताल की खराब स्थिति पर एक विस्तृत वीडियो बनाया था। इसमें अस्पताल की दीवारों पर दरारें, दवाइयों की कमी और मरीजों की खराब हालत को दिखाया गया। उन्होंने इस वीडियो को जनता के सामने लाकर संबंधित अधिकारियों का ध्यान खींचने की कोशिश की।
वीडियो वायरल होने के बाद मिली धमकियां
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजीव प्रताप सिंह को जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। पत्नी के अनुसार, इन धमकियों ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाला था। वीडियो की वजह से अस्पताल की बदहाली पर व्यापक चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन इसके चलते उन्हें लगातार खतरे का सामना करना पड़ा।
गंगोत्री से रहस्यमयी ढंग से लापता
राजीव प्रताप सिंह 18 सितंबर की रात गंगोत्री क्षेत्र में रहस्यमयी ढंग से लापता हो गए थे। वह अपने दोस्त से कार लेकर गंगोत्री गए थे, लेकिन कार अगले दिन भागीरथी नदी के पास मिली, जिसमें कोई व्यक्ति नहीं था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए तुरंत जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं।