योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार में वाराणसी (Varanasi) का कायाकल्प हो रहा है. पर्यनटन के लिए जानी जाने वाली धार्मिक नगरी काशी अब एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट व फूड प्रोसेसिंग का महत्वपूर्ण केंद्र बन रही है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी अब उद्योग जगत में अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर ख्याति प्राप्त कर रहा है. यूपी के इस जिले को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट व फूड प्रोसेसिंग के महत्वपूर्ण केंद्र में तब्दील किया जा रहा है जिससे किसानों के चेहरों खिल उठे हैं.
योगी सरकार और भारत सरकार के सहयोग से जल्द ही यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैक हाउस बनाए जाने की कवायद चल रही है. वाराणसी में एक ओर उत्पादों का निर्यात बढ़ा है वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यूपी के उत्पादों को अधिक मूल्य मिल रहा है. किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के जरिए किसानों के उत्पाद जैसे बनारसी लंगड़ा आम, काला चावल, हरी मिर्च अब विदेशों में निर्यात हो रहे हैं.
कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से जहां लोगों का व्यापार एकदम ठप पड़ चुका था वहीं यूपी के किसानों ने इस कठिन समय में भी योगी सरकार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण( एपीडा), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में दोगुनी कमाई की. एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय भी वाराणसी में खोला गया है.
एपीडा के क्षेत्रीय प्रभारी डॉ सीबी सिंह ने बताया कि वाराणसी को एग्री एक्सपोर्ट सेंटर बनाने का प्रस्ताव 1 नवंबर 2019 से क्रेता और विक्रेता मीट का आयोजन कर धरातल पर आया. इसमें चार एफपीओ और फ्रेश वेजिटेबल एंड फ्रूटस एक्सपोर्ट एसोसिएशन (वाफा) मुम्बई के बीच में एक एमओयू साइन किया गया. परिणामस्वरूप दुबई के लिए 14 मीट्रिक टन हरी मिर्च साल 2019 में निर्यात की गयी.
कोरोना काल में भी किसानों ने पाई फसल की अच्छी कीमत
एपीडा ने पूर्वांचल के किसानों को एग्री एक्सपोर्ट से जुड़ी जानकारी देने के लिए साल 2020 में वाराणसी ,चंदौली ,गाज़ीपुरमें ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया. इससे पूर्वांचल में एग्री एक्सपोर्ट के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ उत्पादन क्षमता भी बढ़ गई. वाराणसी से दिल्ली व लंदन को साल 2020 के अप्रैल माह में 3 मीट्रिक टन हरी मिर्च निर्यात की गई. कोरोना काल में मई माह में दुबई को तीन मीट्रिक टन फ्रेश लंगड़ा आम निर्यात किया गया. जून में लंदन को 1.2 मीट्रिक टन आम निर्यात किया गया.
152 किसानों के खाते में सीधे तौर पर पहुंचे 68 लाख रुपए
एपीडा के जरिए चंदौली जनपद निर्यातकों ने जून 2020 में 80 मीट्रिक टन काला चावल लिया. जिससे 152 किसानो के खातों में 68 लाख रुपए सीधे तौर पर उनके खातों में पंहुचे. चंदौली में पिछले दो-तीन सालों से किसान काले चावल की पैदावार कर रहें हैं. इस सामूहिक प्रयास से जिला चंदौली को प्रधानमंत्री के एक्सीलेंस अवार्ड से नवाज़ा गया. चंदौली से 520 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल को दोहा (क़तर) निर्यात किया गया. वाराणसी में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ओमान के ग्लोबल लोजिस्टिक्स ग्रुप ने दौरा भी किया.
दूसरी फसलों को विदेश भेजने की तैयारी, पंजीकरण प्रक्रिया हुई शुरू
वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में जैविक खेती के लिए किसानों को ट्रैंनिंग दी जा रही है. जीआई विषेशज्ञ डॉ रजनी कांत ने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से उत्पादों की जीआई पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है. अब काशी और पूर्वांचल के अन्य उत्पाद जैसे केला, आंवला और फूलों को भी इस प्रक्रिया में शामिल कर निर्यात किया जाएगा. निर्यातक रामकुमार राय ने बताया कि खेती किसानी दूसरे बड़े उद्योगों से कम नहीं है. दूसरे उद्योगों की तरह संतुलित तरीके से अगर खेती करेंगे तो दूसरे व्यापारों की तरह ज्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं. जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के वाराणसी मॉडल से हो चुकी है.
गुणवत्ता, प्रशिक्षण और पैकेजिंग पर है जोर
वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि एपीडा व उद्यान विभाग के जरिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे निर्यात के मानकों के अनुरूप ही किसान अपनी पैदावार बढ़ा सकें. उन्होंने बताया कि वाराणसी से उत्पादों की निर्यात प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है. वाराणसी को एग्री एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए यहां लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पांच टन क्षमता वाला कोल्ड चेंबर बनाया गया है. साउथ ईस्ट एशिया में निर्यात करने के लिए वाराणसी से कोलकत्ता तक कंटेनर ट्रांसपोर्ट करने के लिए रिवर बंदरगाह पहले से है. रेलवे भी माल गाड़ियों के लिए अलग कॉरिडोर बना रहा है. उन्होंने बताया कि जल्द ही योगी सरकार व भारत सरकार के अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पैक हाउस वाराणसी में तैयार किया जा रहा है. साथ ही एक छोटा पैक हाउस लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बनाया जाएगा.
Also Read: आलू की रिकॉर्ड पैदावार की दहलीज पर UP, अब उत्पादन ही नहीं उत्पादकता में भी होगा नंबर 1
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )