UP में वजीहुद्दीन ही ISIS का मुख्य आतंकी, ‘हया’ के नाम पर छात्रों को भड़काता था, निशाने पर थे धार्मिक स्थल व नेता

उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस (ISIS) की पैठ जमाने के लिए वजीहुद्दीन (Wajihuddin) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में जगह बनाई थी। एटीसएस सूत्रों के मुताबिक, वजीहुद्दीन ही आईएसआईएस का मुख्य आतंकी निकला, जो आईएसआईएस के लिए ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) के तौर पर काम करके आंतकी तैयारी कर रहा था, जिससे प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल, धर्माचार्य और राजनेताओं को निशाना बना सके।

छात्रों को भड़काता था वजीहुद्दीन

वजीहुद्दीन को संगठन में अमीर नाम से संबोधित किया जाता है, जिसका अर्थ है शासक। एक मजलिस के दौरान ही अब्दुल्ला अर्शलान और माज बिन तारिक की इससे मुलाकात हुई थी। इसके बाद उसने दोनों को अपने संगठन में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। यह खुलासे पिछले दिनों तीनों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में हुए हैं।

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वजीहुद्दीन के संगठन के लोग अलीगढ़, संभल, रामपुर और प्रयागराज तक फैले हुए हैं। जांच में सामने आया है कि वजीहुद्दीन ‘हया’ के नाम पर छात्रों को भड़काता था और ‘अल्लाह’ के दिखाए रास्ते पर चलने के लिए उकसाता था। वह अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लेख लिखता है।

शरजील इमाम के संपर्क में था वजीहुद्दीन

उसने अपनी एक पोस्ट में लिखा है कि कुरान को ही मुस्लिमों का संविधान बताया था। वजीहुद्दीन ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा था कि शरजील इमाम ने कहा था, ‘डे फर्स्ट से, ये संविधान फासिस्ट है !’ मैं इससे इत्तेफाक रखता हूं। लेकिन ये फासिस्ट क्यों है? इसे समझना जरूरी है। जिस चीज की बुनियाद कुफ्र हो उससे इंसाफ ‘उम्मीद लगाई ही नहीं जा सकती, क्योंकि कुफ्र ही सबसे बड़ा जुल्म है। पीएफआई को समझना होगा, संविधान कुफ्र का सबसे बड़ा रथ है, जिसे सारी पॉलिटिकल पार्टी और उनकी संस्थाएं घोड़ों की तरह खींच रही हैं।

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इस तरह के कई ट्वीट की मदद से वह लोगों को देश विरोधी गतिविधियों के लिए भड़का रहा था। वह शरजील इमाम के संपर्क में था। इसका प्रमाण यह है कि दिल्ली दंगों को लेकर दाखिल चार्जशीट में शामिल शरजील इमाम वजीहुद्दीन का भी नाम आया था। साथ ही गिरफ्तार आतंकी अरशद वारसी के साथ भी कनेक्शन सामने आया है। अरशद वारसी उसे अपने कई पोस्ट में ‘अमीर’ के तौर संबोधित करता है और उसे समर्थन देता था।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को बनाया अड्डा

पिछले दिनों पकड़े गए वजीहुद्दीन, राकिब इमाम अंसारी, मो. नोमान, मो. नाजिम और नावेद सिद्दीकी से मिली जानकारी से साफ है कि आतंकियों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अड्डा बना रखा था। एटीएस ने पांचों से अगले दस दिन तक पुलिस रिमांड पर उनसे जुड़े लोगों के विषय में पूछताछ करेगी। पांचों की गुरुवार को एनआई एटीएस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्र ने दस दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड विवेचक के प्रार्थना पत्र पर मंजूर कर ली है।

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