Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर रचा इतिहास, भदोही में मनाया गया जश्न

विशाखापत्तनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने कमाल कर दिया। जायसवाल की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। उन्होंने 22 साल की उम्र में जो कारनामा किया वो अच्छे-अच्छे खिलाड़ी नहीं कर पाते। दरअसल, जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कमाल की बल्लेबाजी करते हुए दमदार दोहरा शतक ठोका है। उन्होंने 277 गेंदों में यह डबल सेंचुरी लगाई है। वह 209 रन बनाकर आउट हो गए। वहीं यशस्वी ने अपने इस दोहरे शतक से तमाम रिकॉर्ड भी धवस्त कर दिए हैं। यशस्वी जायसवाल की इस ताबड़तोड़ पारी की चारों ओर चर्चा हो रही है। वहीं, यशस्वी जायसवाल के घर यानी की उत्तर प्रदेश के भदोही में जश्न का माहौल है।

पटाखे फोड़ कर मनाई खुशी

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में आज दोहरा शतक जड़ने पर क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल के गृहनगर भदोही में लोगों ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी गई। लोग इस दौरान नाचते नजर आए। यशस्वी जायसवाल के पिता सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। बेटे के दोहरे शतक पर उन्होंने भी खुशी जताई है।

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यशस्वी के पिता भूपेन्द्र जायसवाल ने कहा कि पूरा भदोही जिला खुश है। छोटा शहर या बड़ा शहर मायने नहीं रखता, अगर कोई मेहनत करे तो हर काम में सफल हो सकता है। यशस्वी जायसवाल के पिता ने कहा कि उम्मीद है कि वो आने वाले समय में ऐसा ही बेहतरीन प्रदर्शन करे और तिहरा शतक भी मारे।
कभी गोलगप्पे बेचते थे यशस्वी

यशस्वी जायसवाल वही बल्लेबाज हैं, जो कभी ठेले पर गोलगप्पे बेचते थे। उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के बाहर घर चलाने के लिए कभी गोलगप्पे तक बेचे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उन्हें यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि जिनके साथ वह क्रिकेट खेलते थे, जो सुबह उनकी तारीफ करते थे, वही शाम को उनके पास गोलगप्पे खाने आते थे। लेकिन घर की हालात देखकर उन्होंने मजबूरन ये सब करना पड़ा। खैर अब वक्त बदल गया और अब यशस्वी अपने नाम जैसा काम भी कर रहे हैं।

बता दें कि भारत के लिए टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में सबसे ऊपर विनोद कांबली के नाम है। उन्होंने 1993 में 21 साल और 35 दिन की उम्र में यह कारनामा इंग्लैंड के खिलाफ किया था। वहीं, यशस्वी जायसवाल का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है। वह भारत की ओर से टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने वाले चौथे सबसे युवा प्लेयर बन गए हैं। उन्होंने यह कारनामा 22 साल और 37 दिन में किया है। इससे पहले यह कारनामा सौरव गांगुली, विनोद कांबली और गौतम गंभीर ने किया है।

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