उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया (Teacher Recruitment) को लेकर लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर तत्काल अधियाचन भेजा जाए और नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
‘विद्यालय में शिक्षक मानक संख्या से कम न हों’
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सरकार की मंशा है कि किसी भी विद्यालय में शिक्षक मानक संख्या से कम न हों और शिक्षक-छात्र अनुपात को संतुलित कर आदर्श स्थिति में लाया जाए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सभी विद्यालयों में प्रशिक्षित और पर्याप्त शिक्षक तैनात हों।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन विद्यालयों में पद रिक्त हैं, वहां की जानकारी तत्काल संकलित कर प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सके। इस निर्णय से बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं को नई उम्मीद मिली है।
विद्यालयों में लागू होगी ‘पेयरिंग प्रणाली’
मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में विद्यालय पेयरिंग व्यवस्था को व्यावहारिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ लागू करने के निर्देश दिए। कम छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को एकीकृत कर संसाधनों का समुचित उपयोग और शिक्षकों की कुशल तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र हैं, उन्हें स्वतंत्र रूप से संचालित किया जाए।
खाली भवनों में खुलेंगी बाल वाटिकाएं और प्री-प्राइमरी स्कूल
पेयरिंग के बाद खाली हुए विद्यालय भवनों का उपयोग बाल वाटिकाओं, प्री-प्राइमरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 6 से 14 वर्ष तक के किसी भी बच्चे को विद्यालय से वंचित न रहने दिया जाए। इसके लिए प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान की अगुवाई में विद्यालय प्रबंधन समितियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। ‘स्कूल चलो अभियान’ को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिए गए।
आधारभूत ढांचे की कमी जल्द होगी दूर
मुख्यमंत्री ने शिक्षा से संबंधित अधोसंरचना पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन विद्यालयों में भवन, शौचालय, पेयजल, फर्नीचर जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, वहां तुरंत संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इस कदम से बच्चों की पढ़ाई में बाधा नहीं आएगी और ड्रॉपआउट दर में भी कमी आएगी।
डीबीटी से 1200 की सहायता पारदर्शिता के साथ भेजने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने छात्रों को मिलने वाली यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी और पाठ्य सामग्री के लिए ₹1200 की सहायता राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए सीधे उनके अभिभावकों के बैंक खातों में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लाभार्थियों का डेटा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट रखने को कहा, ताकि प्रशासनिक निगरानी आसान हो सके।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में कोई समझौता नहीं: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नियमित रूप से ट्रैक की जाए, शिक्षकों की कार्यशैली पर निगरानी रखी जाए और शिक्षण सामग्री एवं तकनीकी संसाधन समय से विद्यालयों तक पहुंचाए जाएं। उन्होंने दोहराया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।