गन्ना फसल की विविधीकरण, उत्पादन तथा किसानों की आय में सुधार पर बल दे रही योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार गन्ना फसलों के विविधीकरण तथा उत्पादन पर जोर दे रही है. इसके अलावा सरकार किसानों की आयु में सुधार करने पर भी बल दे रही है. यह कहना है अतिरिक्त मुख्य सचिव- चीनी उद्योग और गन्ना विकास और आबकारी विभाग, गन्ना आयुक्त और निवेश आयुक्त संजय भूसरेड्डी (Sanjay R. Bhoosreddy) का. गुरूवार को इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक 2020 के आखरी दिन पर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII ) ने शुगर टेक 2020 का आयोजन वर्चुअल प्लेटफार्म पर किया इस दौरान ही उन्होंने ये बातें कहीं.


संजय भूसरेड्डी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार फसल स्तर पर विविधीकरण को बढ़ावा देने, नई किस्मों के बारे में जानकारी बढ़ाने, उन्नत तकनीकों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. गन्ना उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने के तरीके पर भी विशेष बल दिया जारहा है. दक्षता में सुधार करने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के लाभों पर प्रकाश डालते हुए भूसरेड्डी ने गन्ना प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन और राज्य में किसानों के लिए डिजिटल मंच को बढ़ावा देने के बारे में बताया. उन्होंने महिलाओं द्वारा स्वयं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बीज नर्सरी बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के निर्माण की योजना भी साझा की.


सुबोध कुमार सिंह (संयुक्त सचिव – चीनी और व्यवस्थापक, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार) ने कहा कि उत्पादन और खपत को संतुलित करने के लिए अधिकतम गन्ने के रस को इथेनॉल उत्पादन में लगाना आवश्यक है. उन्होंने इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहलों के बारे में बताया. उन्होंने नवाचार और एकीकरण के लिए चीनी उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का आह्वान किया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम वैश्विक बेंचमार्क के साथ खुद की तुलना करते हैं तो भी गन्ना उत्पादकता वृद्धि की गुंजाइश है.


रोशन लाल तमक (सम्मेलन अध्यक्ष, और कार्यकारी निदेशक और सीईओ- चीनी व्यापार, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड) ने कहा कि चीनी उत्पादन देश में संगठित खाद्य प्रसंस्करण में सबसे बड़ा क्षेत्र है. देश भर में लगभग 50 मिलियन किसान गन्ने की खेती में कार्यरत हैं. गन्ना इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम का मुख्य आधार है और चीनी क्षेत्र सालाना लगभग 200 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति करता है. उन्होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को स्थायी आधार पर मजबूत और व्यवहार्य बनाने के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में एकीकरण और विविधीकरण की आवश्यकता है.


तरुण साहनी (अध्यक्ष, चीनी पर सीआईआई टास्क फोर्स और; त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) ने कहा कि चीनी उद्योग में नवीन प्रौद्योगिकी समाधानों को लागू किया जाना चाहिए, और चीनी क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए मध्यम और दीर्घकालिक नीतियों से इस क्षेत्र को सशक्त किया जाना चाहिए. इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए व्यापक समाधान लागू किए जाने चाहिए. सम्मेलन को राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं द्वारा भी संबोधित किया गया.


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