ट्राई चीफ ने हाल में अपना आधार नंबर जारी करते हुए जानकारी लीक करने की चुनौती दी थी पर अब लोगों से ऐसा कदम उठाने से बचने को कहा गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने मंगलवार को लोगों को सलाह दी कि वे 12 अंकों की अपनी सूचना इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक न करें और न ही इस तरह की चुनौती किसी को दें। UIDAI ने एक बयान में कहा, ‘इस तरह का कार्य अनुचित है और इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के अनुरूप नहीं है।’
ट्राई चीफ आरएस शर्मा द्वारा शनिवार को अपना आधार नंबर शेयर कर चुनौती देने के बाद ट्विटर पर तूफान आ गया था। दरअसल, शर्मा ने आधार की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए 12 अंकों का आधार नंबर जारी कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर इससे सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा है, तो कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाए। उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही आंकड़े लीक होने का दावा किया गया।
किसी ने दावा किया कि उसके पास ट्राई चीफ के बैंक खाते और ईमेल की जानकारी है। हालांकि शर्मा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह गलत है। UIDAI ने कहा कि लोगों को इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस तरह का कदम उठाने से बचना चाहिए। प्राधिकरण ने आगाह किया कि दूसरे के आधार नंबर से आधार सत्यापन करने की कोशिश या किसी दूसरे के आधार का इस्तेमाल आधार ऐक्ट और IPC के तहत एक दंडनीय अपराध है।
यह भी कहा गया है कि इस तरह का काम करता हुआ कोई पाया जाता है या दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है तो उसे कानून के तहत सजा हो सकती है। ऐसे में लोग इससे बचें। UIDAI ने कहा कि आधार एक अद्वितीय पहचान है, जिसका इस्तेमाल कोई भी तमाम सेवाओं, लाभ और छूट के लिए अपनी पहचान के तौर पर कर सकता है।
आगे कहा गया कि 12 डिजिट का आधार नंबर व्यक्ति की संवेदनशील सूचना है जैसे किसी का बैंक खाता नंबर, पासपोर्ट नंबर, पैन नंबर आदि होता है। इन चीजों की जानकारी अपनी पहचान जाहिर करने, वैध लेनदेन या फिर जरूरत पड़ने पर ही देनी चाहिए।
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