तेज प्रताप ने तोड़ी चुप्पी, कहा- परिवार में झगड़े की सारी खबरें गलत

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी में
दरकिनार किए जाने के आरोप लगाया है. हालांकि शनिवार को मीडिया में ऐसी खबरें चली थीं कि तेज प्रताप यादव का अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से संबंध तनाव में है. लेकिन रविवार को तेज प्रताप ने इसे खारिज करते हुए मात्र अफवाह करार दिया.

 

तेज प्रताप ने इस पर सफाई देते हुए कहा, परिवार में झगड़े की सारी खबरें गलत हैं, ऐसा कुछ नहीं है. तेजस्वी और लालू जी के खिलाफ मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेता युवा कार्यकर्ताओं को किनारे कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरंदाज कर रहे हैं.

तेज प्रताप ने कहा, पार्टी के लोग मेरा फोन नहीं उठाते हैं और कहते हैं कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें ऐसा करने को कहा है. मुझमें और मेरे छोटे भाई तेजस्वी यादव में कोई फर्क नहीं है. ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकालना होगा जो हम दोनों भाइयों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसे लोगों को ढूंढ़ें और पार्टी से बर्खास्त करें.’

तेज प्रताप ने आगे कहा, हमें राष्ट्रीय जनता दल से असामाजिक तत्वों को निकाल फेंकना होगा. राजेंद्र पासवान जैसे लोगों ने हमारी पार्टी के लिए काफी मेहनत की है. इस बारे में लालू यादव जी, राबड़ी जी और तेजस्वी से मेरे बात करने के बाद उन्हें पार्टी में स्थान दिया गया. इतनी देरी क्यों हुई?’

आरजेडी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चलने की खबर शनिवार को तेज प्रताप के उस ट्वीट के बाद आई जिसमें उन्होंने खुद के द्वारिका चले जाने की बात कही थी. और इशारों-इशारों में तेजस्वी को सब कुछ सौंप देने की भी बात की. इस दौरान उन्होंने हालांकि कुछ ‘चुगलखोरों’ (आलोचकों) की भी बात लिखी है.

तेज प्रताप ने ट्वीट कर लिखा, मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारिका चला जाऊं. अब कुछ एक ‘चुगलों’ को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं. राधे-राधे.

 

दरअसल आरजेडी की राजनीति पर खतरा तब से मंडरा रहा है जब से चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद यादव जेल गए हैं. इसके अलावा बेनामी संपत्ति के मामले में लालू यादव का लगभग पूरा कुनबा आरोपी साबित हुआ है. कई मामले दर्ज हुए हैं. चारा घोटाले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव पर 900 करोड़ रुपए के गबन के आरोप हैं.