ममता को NRC का विरोध करना पड़ा महंगा, दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी

 

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) मसले पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटी टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता की पार्टी में ही बगावत हो गई है, असम में टीएमसी के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

 

खबरों के अनुसार, एनआरसी के मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के दिगंत सौकिया और प्रदीप पचोनी ने पार्टी छोड़ दी है। इन नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी एनआरसी को लेकर फालतू की बातें कर रही हैं। एनआरसी की निंदा कर वह राज्य के लिए मुसीबत खड़ी कर रही हैं। वह इसकी सच्चाई से वाकिफ नहीं है। सौकिया ने कहा कि ममता एनआरसी का विरोध बिना सच्चाई जाने कर रही हैं। वह असम की हकीकत को नहीं जानतीं, इसलिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने के पीछे ममता बनर्जी के एनआरसी को लेकर कड़े तेवरों को वजह बताया।

 

ममता ने कहा एनआरसी के बहाने बीजेपी असम में वोट बैंक की राजनीति खेल रही है, एनआरसी में जिनके नाम नहीं आए हैं उनमें सभी बांग्लादेशी नहीं हैं। इसमें बंगाली और बिहारी भी है।

 

40 लाख से ज्यादा लोगों ने असम में रूलिंग पार्टी के लिए वोट किया था और आज अचानक अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बना दिया गया है। मैं अपनी मातृभूमि को ऐसी हालत में नहीं देखना चाहती, मैं मातृभूमि को बंटते हुए नहीं देखना चाहती।’

 

 

बता दें कि 30 जुलाई को असम में एनआरसी की लिस्ट जारी की गई थी। इसमें 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर हंगामा कर रही हैं। उनका कहना है कि इन 40 लाख लोगों में बंगाल और बिहार के नागरिक भी हैं। इसलिए वह उनके साथ ज्यादती नहीं होने देंगी। गौरतलब है कि असम के बाद पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने को लेकर तो ममता ने सरकार को गृहयुद्ध तक की धमकी डे डाली है।