शर्मनाक ! आजमगढ़ पुलिस ने बिना जांच किए मासूमों पर दर्ज किया SC/ST का केस

 

आजमगढ़ पुलिस ने एक बार फिर यूपी के थानों और वहां मौजूद खाकी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. जहां बगैर जांच किए पुलिस ने मारपीट के मामले में परिवार के चार सदस्यों के साथ तीन मासूम बच्चों के खिलाफ भी एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया. मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच के बाद कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है.

 

घटना बिलरियागंज थाने की है. जहां पुलिस ने बगैर जांच किए ही मारपीट के मामले में परिवार के चार सदस्यों संग तीन नाबालिगों के भी खिलाफ एससी/एसटी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया. इस बात की जानकारी होने पर पीड़ित परिजन नाबालिगों को लेकर सीओ सगड़ी के यहां पहुंचे. सीओ सगड़ी से मिलकर पीड़ित परिजन ने न्याय की गुहार लगाई है.

 

भगतपुर गांव निवासी विजेंद्र पासवान व मोहन प्रजापति के बीच भूमि को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है. इस विवाद को लेकर 31 जुलाई की दोपहर को दोनों पक्षों के बीच कहासुनी के दौरान मारपीट हुई थी. मारपीट में दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे. दोनों पक्षों ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए बिलरियागंज थाने पर पहुंच कर पुलिस को तहरीर दी थी.

 

विजेंद्र पासवान की तहरीर पर पुलिस ने दूसरे पक्ष के सुरेंद्र प्रजापति पुत्र राजदेव समेत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. जबकि दूसरे पक्ष के मोहन प्रजापति की तहरीर पर प्रथम पक्ष के श्रीराम पासवान समेत 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. जब पुलिस मामले की जांच के लिए भगतपुर गांव पहुंची तब सुरेंद्र प्रजापति पक्ष के लोगों को जानकारी हुई कि उनके परिवार के चार सदस्यों के साथ ही 3 नाबालिगों के भी खिलाफ पुलिस ने मारपीट, धमकी दिए जाने व एससी/एसटी की धारा में मुकदमा दर्ज किया है.

पीड़ित सुरेंद्र के परिजनों का कहना है कि जिन तीन नाबालिगों को पुलिस ने आरोपित बनाया है उनमें एक की उम्र 6 वर्ष, दूसरे की 8 व तीसरे की 12 वर्ष है. पीड़ितों का कहना है कि घटना के वक्त तीनों बच्चे मौके पर नहीं थे.

 

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