मदन मोहन मालवीय विश्व विद्यालय मे भारत सरकार की वन नेशन वन सब्सक्रिपसन 1 जनवरी 2025 से लागू*

मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर । मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर का पंजीकरण उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ में हो गया है।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2022 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में शोध और विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए “जय अनुसंधान” का आह्वान किया गया था। तत्क्रम में भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लक्ष्य की पूर्ति हेतु भारत सरकार ने ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन‘ योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के छात्रों, संकाय और शोध कर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उच्च गुणवत्ता युक्त शोध प्रकाशनों एवं पत्रिकाओं तक निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इस हेतु ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना लागू की गई है। योजना के अंतर्गत दुनिया भर के शीर्ष शोध प्रकाशन समूहों द्वारा प्रकाशित शोध पत्रिकाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत लाइसेंस प्राप्त किया गया है और इस एकीकृत लाइसेंस के माध्यम से उन प्रकाशन समूहों द्वारा प्रकाशित समस्त शोध पत्रिकाएं इस योजना में पंजीकृत सभी संस्थानों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी।

अभी तक यह व्यवस्था थी कि ज्यादातर विश्वविद्यालय अपने अपने स्तर से अलग अलग समूहों द्वारा प्रकाशित ई पत्रिकाओं और ऑनलाइन कंटेंट के लिए भुगतान कर शोध पत्रिकाएं छात्रों को उपलब्ध कराते थे। ऐसे में कम संसाधन वाले शिक्षण संस्थानों के लिए इन पत्रिकाओं का सब्सक्रिप्शन मुश्किल होता था और ठीक ठाक संसाधन युक्त संस्थाओं पर भी भारी वित्तीय बोझ पड़ता था।

‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो गई है और आरम्भ में तीन वर्षों के लिए इसे लागू किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय शोध प्रकाशन समूहों जैसे कि स्प्रिंगर, वाइली, आई ई ई ई, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, एल्सवियर, एमराल्ड, सेज, टेलर एंड फ्रांसिस सहित कुल 30 प्रकाशकों को शामिल किया गया है। इन प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित लगभग 13000 ई पत्रिकाएँ योजना में पंजीकृत संस्थानों के छात्रों, संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को उपलब्ध होंगी। योजना के अंतर्गत चिकित्सा विज्ञान, गणित, भौतिकी, रसायन विद्यान, पर्यावरण, ऊर्जा, कृषि, प्रबंधन, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, पदार्थ विज्ञान आदि कुल 27 विषय क्षेत्रों से संबंधित शोध पत्रिकाएं उपलब्ध होंगी। योजना में देश भर के लगभग 6500 शैक्षणिक एवं शोध संस्थान पंजीकृत हो चुके हैं।

योजना में पंजीकृत होने से एम एम एम यू टी की लगभग 5 से 10 करोड़ रूपये वार्षिक की बचत होगी। उच्च गुणवत्ता की शोध पत्रिकाएं छात्रों को उपलब्ध कराने के लिए अब तक एम एम एम यू टी को हर साल करोड़ों रुपए अपने संसाधनों से खर्च करने पड़ते थे। अब ये सब पत्रिकाएं निःशुल्क ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।
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