हुक्का बार कांड:रेशमा के संपर्क में 200 से ज्यादा लड़कियां

मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर। गोरखपुर में लड़कियों को देह व्यापार में धकेलने वाली रेशमा के नेटवर्क में 200 से अधिक लड़कियां हैं।रोजगार का लालच देकर वह भोली-भाली लड़कियों को फंसाकर इस धंधे में लाती थी। जरूरत पड़े तो नेपाल से भी लड़कियां बुलाने उसे महारत हासिल थी। पकड़े जाने के बाद उसने खुद को भी पीड़ित बताया लेकिन उसे नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि रेशमा लग्जरी लाइफ की शौकीन है। अपने शौक पूरा करने के लिए वह लंबे समय से इस धंधे में है।

भोली-भाली शक्ल वाली रेशमा आसानी से लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेती है। उन्हें पहले लग्जरी लाइफ दिखाती थी और उसके बाद नौकरी लगवाने का झांसा भी देती थी। इसी तरह के झांसे में फंसकर कई लड़कियों ने उसपर भरोसा किया और न अनजाने में इस धंधे में उन्हें जाना पड़ा।

अपनी कॉलगर्ल की जिंदगी जीनस बाटल रेस्टोरेंट से शुरू करने वाली रेशमा इस रेस्टोरेंट के साथ साथ कुछ और जगहों पर जाती थी। 3 साल पहले वह जीनस बाटल रेस्टोरेंट में हुक्का बार संचालित करने वाले अनिरुद्ध ओझा के संपर्क में आयी थी। यहां से उसने संगठित रूप से अपने धंधे को बढ़ाना शुरू किया। हुक्का बार संचालक को भी रेशमा के जरिए आसानी से लड़कियां मिल जाती थीं। सोशल मीडिया पर उसकी लग्जरी लाइफ देखकर कई लड़कियां प्रभावित हो जाती थीं। उसी के जरिए वह उनसे संपर्क करती थी। लड़कियों के बैक ग्राउंड के बारे में अच्छी तरह से जान लेने के बाद उन्हें कमाई का भरोसा दिलाती थी। उन्हें लेकर हुक्का बार पहुंचती थी। जबरन उनके साथ गलत करवाती थी। उसके बाद वीडियो भी बना लेती थी। कोई लड़की पीछे हटना चाहे तो उसके फोटो वीडियो घरवालों को दिखाने की धमकी दी जाती थी। पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि रेशमा कुशीनगर की एक महिला के संपर्क में आयी थी। उसके बाद से इस धंधे में है। वह महिला भी 300 से अधिक लड़कियों को इस ओर धकेल चुकी है। कई वर्षों तक वह उसके साथ रही लेकिन बाद में अलग होकर खुद ही लड़कियों को बहकाकर इस ओर धकेलने लगी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में उसने छठवीं कक्षा तक की पढ़ाई करने की बात स्वीकारी है। लेकिन पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि रेशमा असुरन चौक के पास स्थित एक स्कूल में 10वीं की छात्रा थी। परीक्षा में फेल होने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। अपने कागज लेने के लिए भी वह स्कूल नहीं पहुंची थी। उसके बाद ही वह धंधे में आ गई। देखने में उसकी उम्र काफी कम लगती थी इसलिए उसपर किसी का शक भी नहीं होता था। वह लगभग 7 वर्षों से इस कार्य में लिप्त है।
रेशमा को जानने वाले लोगों का कहना है कि वह कई बार पुलिस की गिरफ्त से बच चुकी है। एक बार एक जगह छापा पड़ा था, जहां वह भी मौजूद थी। उस वक्त उसकी उम्र और कम थी। वहां कई युवतियां पकड़ी गई थीं लेकिन इसे बच्ची समझकर छोड़ दिया गया था। किसी को रेशमा पर शक भी नहीं हुआ।
रेशमा जब हुक्का बार संचालक के संपर्क में आयी तो उसका कई होटलों में संपर्क हो गया। वहां से सीधे डिमांड आने पर वह लड़कियों को बुलाती थी। पकड़े जाने से पहले ही उसने अपना मोबाइल फार्मेट कर दिया था। गोरखपर, महराजगंज, देवरिया जैसे कई जिलों में उसका नेटवर्क है।
रामगढ़ताल थाने में दो जनवरी को एक नाबालिग लड़की की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया। लड़की ने सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इस मामले में रेशमा को भी आरोपित बनाया गया था। उसके बाद पुलिस की जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आयी कि रेशमा हुक्का बार में लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाती थी। उसकी तलाश शुरू हुई तो मोबाइल बंद कर वह भाग गई। पुलिस उसकी तलाश में प्रयाग राज तक गई लेकिन उसे रामगढ़ताल थाना क्षेत्र से पकड़ा गया। उसी के नाम का सिम गिरोह में शामिल अन्य लोग भी चलाते थे। पुलिस की पूछताछ में उसने स्वयं को पीड़ित बताया। उसका कहना है कि अनिरुद्ध ओझा के संपर्क में वह 3 साल पहले आयी। उसका शोषण किया गया और फिर इस धंधे में धकेल दिया गया।
देह व्यापार के मामले में 3 केस दर्ज थे। कुछ दिन पहले बेतियाहाता की एक युवती ने चौथा मुकदमा शाहपुर में दर्ज कराया। बुधवार को उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी हो गया। अब शाहपुर पुलिस ने इस मामले में बीएनस की मानव तस्करी की धारा भी बढ़ा दी है। 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। 4 होटलों के संचालक व कर्मचारियों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इस मामले में लगभग 15 लोगों के नाम और सामने आ रहे हैं। उनपर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।
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