महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में आज एक बड़ा मोड़ देखने को मिला, जब लंबे समय के बाद राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक साथ मंच पर नजर आए। दोनों चचेरे भाइयों ने न सिर्फ एक साथ मंच साझा किया, बल्कि गले मिलकर पुराने रिश्तों को भी एक नई शुरुआत दी। यह मुलाकात मुंबई के वर्ली इलाके में मराठी विजय दिवस के मौके पर हुई।
परिवारों के साथ पहुंचकर दिया एकजुटता का संदेश
इस खास मौके पर राज ठाकरे अपने पूरे परिवार, पत्नी शर्मिला, बेटे अमित और बेटी उर्वशी के साथ पहुंचे। वहीं, उद्धव ठाकरे भी अपनी पत्नी रश्मि और बेटों आदित्य व तेजस के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए। मंच पर दोनों परिवारों की मौजूदगी ने इस मिलन को और भी खास बना दिया।
राज ठाकरे का बड़ा बयान
मंच से बोलते हुए राज ठाकरे ने कहा, मैंने पहले भी कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और झगड़े से बड़ा है। आज 20 साल बाद हम दोनों एक साथ आए हैं। जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए, वो काम देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया, हम दोनों को एक साथ लाने का। इस बयान से जहां उन्होंने फडणवीस की भूमिका की सराहना की, वहीं एकता की जरूरत पर भी ज़ोर दिया।
राजनीति में नए समीकरणों के संकेत
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे बंधुओं का यह मिलन सिर्फ पारिवारिक भावनाओं का मामला नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित बड़े बदलावों की ओर इशारा करता है। शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के रिश्तों में आई इस गर्माहट से आगामी चुनावी समीकरणों पर बड़़ा असर पड़ सकता है।