चुनाव आयोग और अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ बैठक के बाद सोमवार को कांग्रेस ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक पार्टियां बैलेट पेपर से चुनाव के पुराने सिस्टम की वापसी चाहती हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कई ने राज्यों के हालिया चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में आई खराबी की रिपोर्ट चिंताजनक है और यह फिर से बैलेट पेपर से चुनाव की मांग करता है।
Our ideal demand is to revert to paper ballot. But if they refuse to do it then 30% of VVPATs should be cross-checked with paper trails: @DrAMSinghvi
Watch the highlights of the press conference. #BringBackBallotPaper pic.twitter.com/oSeMDwVhYE— Congress (@INCIndia) August 27, 2018
सूत्रों के अनुसार, बैठक में मौजूद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने ईवीएम में खराबी का मुद्दा उठाया और बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का सुझाव दिया।
वहीं, दूसरी तरफ मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा, ‘कुछ पार्टियों ने कहा कि फिर से बैलेट पेपर की ओर जाना वास्तव में बुरा है, क्योंकि यह बूथ कैप्चरिंग को वापस लाएगा और हम इसकी वापसी नहीं चाहते। कुछ पार्टियों ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट की गिनती के साथ समस्याएं हैं, चुनाव आयोग इस पर काम क्यों नहीं करता?’
सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दलों ने विकल्प के तौर पर कम से कम 30 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वोटों की प्रमाणिकता की जांच के लिए ईवीएम में वीवीपैट मशीन लगाने का सुझाव दिया है।
इसी के साथ कांग्रेस ने चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित करने के लिए कहा. वर्तमान में लोकसभा और विधानसभा के उम्मीदवारों के लिए चुनाव के दौरान खर्च की एक सीमा है. लेकिन, राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले खर्च की कोई सीमा नहीं है।
कांग्रेस ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं की सूची से सभी डुप्लिकेट और झूठे मतदाताओं से बाहर निकलने की भी मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश की मतदाता सूचि में 60 लाख और राजस्थान की मतदाता सूची में 35 लाख डुप्लिकेट मतदाता हैं. दोनों ही राज्यों में इस साल के अंत में चुनाव होंगे।