उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (UP Power Corporation, UPPCL) में पीएफ घोटाले (PF Scam) को लेकर अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu ) और यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) के बीच जंग छिड़ गयी है. लल्लू के आरोपों पर श्रीकांत शर्मा ने उन्हे चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष ने मांफी नहीं मांगी तो वे उनपे मानहानि का मुकदमा कर देंगे. वहीं ऊर्जा मंत्री के बयान पर अब अजय कुमार लल्लू ने पलटवार किया है. लल्लू ने कहा कि ऊर्जा मंत्री की बौखलाहट बता रही है कि दाल में कुछ काला जरुर है.
जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते ऊर्जा मंत्री
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ऊर्जा मंत्री जी अगर इतना ही दूध के धुले हुए हैं तो मेरे कुछ सवालों का जवाब दे दें, सब दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूरे सूबे की जनता भाजपा के भ्रष्टाचार को देख रही है. ऊर्जा मंत्री की बौखलाहट बता रही है कि दाल में कुछ काला है. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा उठाये गये सवाल उत्तर प्रदेश की जनता के सवाल हैं, लाखों कर्मचारियों का सवाल है. उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि 24 मार्च को डीएचएफएल में पहली बार पैसा जमा किया तब प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी थे और श्रीकान्त शर्मा ऊर्जा मंत्री थे. भाजपा लगातार प्रदेश की जनता से झूठ बोल रही है ताकि उसका भ्रष्टाचार छुप सके.
इन सात सवालों के मांगे जवाब
- डीएचएफएल में निवेश का अनुमोदन कब हुआ? कब हस्ताक्षर किया गया? मार्च 2017 के बाद से दिसंबर 2018 तक किन-किन तारीखों में निवेश किया?
- अब तक डीएचएफएल से हुए पत्राचार, डीएचएफएल की ओर से कौन लोग बात कर रहे थे? सार्वजनिक किया जाए?
- आखिर भाजपा को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत चंदा देने वाले वधावन की निजी कंपनी डीएचएफएल को ही नियमों को ताक पर रखते हुए कर्मचारियों की जीवन की पूंजी क्यों सौंपी गई?
- क्या माननीय मंत्री जी के विभाग में हजारों करोड़ रूपये के संदिग्ध सौदे छोटे स्तर के अधिकारी कर ले रहे हैं और उन्हें खबर नहीं होती?सरकार के खजाने को यूं ही बेपरवाही से लुटवाते हैं मंत्री जी?
- गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रूपये के बकाया पर कटवा देने वाले मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रूपये देशद्रोहियों दाऊद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कंपनियों को देते हैं?
- डीएचएफएल की ओर से डील करने वाला अमित प्रकाश अभी तक क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है? यह अमित प्रकाश ऊर्जा मंत्री जी से या उनके रिश्तेदारों से कब-कब मिला?
- ईओडब्लू ने अभी तक विजिटर बुक क्यों नहीं सील की? क्या मुलाकातियों की सूची में हेराफेरी की जा रही है?
बता दें कि लल्लू के आरोपों पर श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू द्वारा बौखालहट में जो मेरे ऊपर निजी आरोप लगाए गए हैं, वो बहुत शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण हैं. सुचिता और पारदर्शिता मेरी और मेरे सरकार की प्रथमिकता है. कांग्रेस दागदार है, इसलिए कांग्रेस को सिर्फ दाग दिखाई देते हैं. लल्लू जी ने जो निजी आरोप लगाए हैं, उसके लिए उन्हें अविलंब सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. अन्यथा उनके खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा. उनको एक अपराधिक मानहानि का नोटिस भेजूंगा क्योंकि अब आज की राजनीति में आरोप लगाकर भाग जाना नहीं चलेगा. राहुल गांधी भी इसी तर्ज पर आरोप लगाते थे, आज अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं. कीचड़ उछालने से पहले कांग्रेस के लोग आत्मचिंतन जरूर करें. सरकार ईमानदार और पारदर्शी तरीके से काम कर रही है.’
लल्लू ने लगाए हैं ये आरोप
दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर डीएचएफएल घोटाले के लिए योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने इस दौरान उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के ऊपर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे. लल्लू ने कहा था कि इस मामले में सरकार ने प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद ही कुछ नीचे के अधिकारियों पर नाम मात्र की कार्रवाई की गई, जबकि 10 जुलाई को गुमनाम शिकायत के बाद 28 अगस्त 2019 को ही घोटाले की पुष्टि हो गई थी. फिर भी सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई समय से जानबूझकर नहीं की गई. इतना ही नहीं लल्लू ने कहा था कि डीएचएफएल के मालिक वाधवान ने व्यक्तिगत तौर पर बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा लगभग बीस करोड़ रूपये दिये. आखिर वाधवान और बीजेपी के बीच क्या संबंध है, बीजेपी इसका खुलासा करे? इसके अलावा शक्ति भवन में 15वीं मंजिल पर ऊर्जा मंत्री का कार्यालय और मंत्री आवास सहित उनके मथुरा के आवास राधा वैली के विजिटर बुक को जनता के सामने लाया जाए, ताकि पता चले कि कौन-कौन से लोग इस भ्रष्टाचार में जुड़े हैं. सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार पर जिम्मेदारी डालने से काम नहीं चलेगा, जब 21 महीने में हर काम की जांच हुई तो आखिर इसे क्यों छोड़ा गया?
Also Read: 1984 सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा न देने पर योगी सरकार की बढ़ीं मुश्किलें
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )