हाथरस केस: जांच का दायरा बढ़ाएगी STF, जातीय दंगे फैलाने की साज़िश में सामने आ सकते हैं कई नाम

हाथरस में हुए कथित गैंग रेप के दौरान जातीय हिंसा भड़काने की साज़िश रचने वालों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। दरअसल, अपनी जांच का दायरा बढ़ाकर इससे संबंधित कुछ और मुकदमों की विवेचना भी एसटीएफ कर सकती है। इस जांच के दायरे में कई बड़े चाहते भी आ सकते हैं। इस मामले में चंदपा थाने में मुकदमा भी दर्ज है।


थाने में दर्ज हैं कई मुकदमे

जानकारी के मुताबिक, हाथरस जिले कि बिटिया के प्रकरण की आड़ में जातीय हिंसा फैलाने की साजिश रचने का मुकदमा चंदपा थाने में दर्ज कराया गया था। अगर सूत्रों की मानें तो थाने में इन आरोपों के तहत राष्ट्रद्रोह जैसी संगीन धाराओं में दर्ज है। इसके अलावा थाना चंदपा में ही कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करने का भी मुकदमा दर्ज है।


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इस समय दोनों मुकदमों की विवेचना शासन के आदेश पर अब एसटीएफ कर रही है। प्रदेश के कई जिलों में इसे मामले में मुकदमे दर्ज हैं। बिटिया की मौत के बाद जिले में कई स्थानों पर उपद्रव व हंगामे हुए। ऐसे में पुलिस ने दर्जन भर से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए। 


इनके खिलाफ भी दर्ज हैं मुकदमे

सूत्रों की मानें तो हो सकता है कि एसटीएफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाकर इन मुकदमों की भी विवेचना शुरू कर दे। थाने में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद, भाजपा नेता पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य, सवर्ण परिषद के राष्ट्रीय प्रचारक पंकज धवरैय्या सहित कई नेताओं के खिलाफ भी अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए।


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