इटावा (Etawah) 28वीं वाहिनी पीएसी (PAC) के बर्खास्त आरक्षी अशोक सिंह जादौन (Constable Ashok Singh Jadaun) ने अधिकारियों के उत्पीड़न से तंग आकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की मांग की है। अधिकारियों की प्रताड़ना, ट्रांसफर पर ट्रांसफर और पारिवारिक समस्याओं की वजह से पीड़ित आरक्षी काफी परेशान है। यही नहीं आरक्षी को बीती 28 जुलाई को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। इससे पहले आरक्षी ने राजधानी लखनऊ पहुंचकर गांधी प्रतिमा के समक्ष अपनी वर्दी रखकर न्याय की गुहार लगाई थी। हालांकि यहां पुलिसकर्मियों ने आरक्षी को धरना देने से रोकते हुए उन्हें जबरन यहां से हटा दिया था।
पीड़ित आरक्षी अशोक सिंह जादौन के अनुसार, उसने साल 2019 में तत्कालीन सेनानायक 28वीं वाहिनी लल्लन राय के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था, जिसकी जांच में सेनानायक लल्लन राय दोषी भी पाए गए थे। आरक्षी के दोबारा 28वीं वाहिनी में ट्रांसफर होने पर वाहिनी के अधिकारियों द्वारा बेवजह प्रताड़ित किया जाने लगा। ऐसे में परेशान होकर आरक्षी 23 मार्च से कार्यायल से अनुपस्थित हुआ और वर्तमान में भी अनुपस्थित चल रहा है।
आरक्षी के अनुसार, सेनानायक हिमांशु कुमार आईपीएस और रविन्द्र सिंह सहायक सेनानायक द्वारा अपने पद एवं प्रभाव का दुरुपयोग करके पुरूषोत्तम शर्मा दलनायक एच दल जो स्वयं गलत चरित्र के अधिकारी हैं, उनको नियम विरुद्ध निरीक्षक मेजर नियुक्त किया और पुरुषोत्तम शर्मा ने आरक्षी को अनुपस्थित होने के लिए मजबूर कर दिया था।
सेनानायक पर स्वयं भृष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत है, लेकिन आरक्षी के साथ अनुपस्थिति अवधि में नियमों के विपरीत वाहिनी से विशेष वाहक और कुरावली थाना पुलिस बल द्वारा अनैतिक एवं अपराधियों के समान कार्रवाई कराई गई थी, जिसमें दिनांक 27 मई 2021 को सुरेश चन्द्र उपनिरीक्षक के हमराह पुलिस बल थाना कुरावली जनपद मैनपुरी द्वारा एंटी रोमियो स्क्वाड के वाहन संख्या यूपी 84 जी-0122 से आरक्षी के घर पर अनैतिक ढंग से परनिंदा लेख का कारण बताओ नोटिस प्राप्त कराने का दबाव बनाने आया था।
आरक्षी अशोक सिंह जादौन द्वारा इस प्रकरण के संबंध में आवेदन और 2 वीडियो पेनड्राइव के साथ स्पीड पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री को भेजा भी गया था। आरक्षी ने बताया कि 27 मई को घर पर पुलिस बल के आने और जाने के सीसीटीवी कैमरे के 2 वीडियो सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सीएम योगी के पास भेजा है। यही नहीं, पीड़ित आरक्षी जनसुनवाई पोर्टल पर भी कई शिकायतें कर चुका है, जिसपर कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब पीड़ित आरक्षी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है।
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