उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई भी ढील देने के मूड में नहीं दिख रही है, फिर चाहें पुलिस विभाग हो या हो प्रशासनिक विभाग, अफसर छोटा हो या बड़ा सरकार किसी को भी नहीें बख्श रही है. इसे ऐसे समझिए कि बीते 15 दिनों में योगी सरकार ने 10 से ज्यादा अफसरों को जेल की हवा खिलाई है, तो वहीं कइयों के खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. इन घोटालों में बुधवार को होमगार्ड ड्यूटी मामले में गिरफ्तार किए गए 5 अधिकारी, उत्तर प्रदेश पॉवर कॉपरेशन में हुए घोटाले मामले में पूर्व एमडी एपी मिश्रा समेत 5 लोगों की गिरफ्तारी तो वहीं गाजियाबाद में रेड के दौरान करीब 70 लाख का गबन की आरोपी एसओ लक्ष्मी सिंह चौहान शामिल हैं. वहीं इसके अलावा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे घोटाले में भी सरकार की तरफ से दो आईएएस अफसरों समेत 6 लोगों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.
होमगार्ड वेतन घोटाला में सबूतों को जलाने मामले में 5 गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर में होमगार्डों की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया था. इसके बाद इस मामले में शासन स्तर की एक समिति ने जांच शुरू कर दी. मामले में बुधवार (20 सितंबर) को घोटालेबाजों द्वारा सुबूतों को नष्ट करने के आरोप में 5 लोगों की गिरफ़्तारी की गई है. मामले में डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने कहा कि सुनियोजित तरीके से सुबूतों को नष्ट करने के लिए आग लगाई गई. मामले में गुजरात की फॉरेंसिक टीम बुधवार को जांच के लिए नोएडा के सूरजपुर होमगार्ड कमान्डेंट ऑफिस पहुंच रही है.
UPPCL PF घोटाले में अब तक 5 लोग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में कर्मचारियों की भविष्य निधि (PF) को प्राइवेट कंपनी में निवेश करने के मामले में ईओडब्ल्यू पूर्व एमडी एपी मिश्रा, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी, सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता, प्रवीण का बेटा अभिनव गुप्ता और ब्रोकर दोस्त आशीष चौधरी को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा तीन और लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी करने का दावा किया जा रहा है. मामले में सभी लोग 29 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में जेल हैं. उधर ईओडब्ल्यू इनकी जमानत का विरोध करने के लिए दस्तावेज मजबूत करने में जुटी है. इसी क्रम में कुछ अफसरों को गवाह बनाया जा सकता है.
रेड के दौरान 70 लाख रुपए का गबन करने वाली एसओ गिरफ्तार
एक रेड के दौरान गाजियाबाद में पुलिस अधिकारी लक्ष्मी सिंह चौहान ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर जब्त की किए गए करीब 70 लाख रुपए का गबन किया. मामले में जांच के बाद लक्ष्मी सिंह चौहान व पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ और उसके बाद कई दिनों की फरारी के बाद आखिरकार लक्ष्मी सिंह चौहान ने मेरठ में सरेंडर कर दिया. वह अभी भी जेल में हैं.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे में घोटाले आईएएस के खिलाफ जांच के आदेश
इससे पहले मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परियोजना में गड़बड़ी के लिए योगी सरकार ने दो आईएएस अफसरों गाजियाबाद के पूर्व डीएम विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी सहित 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए.
वहीं बुधवार को मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यह केंद्र और प्रदेश दोनों सरकार की महत्वपूर्ण योजना थी. जिन अधिकारियों ने घपला किया है, उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है. शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अफसरों को अगर उत्तर प्रदेश में रहना है तो ईमानदारी से काम करें वरना उनकी जगह जेल होगी.
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