उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के बाद योगी सरकार (Yogi Government) कोई भी खतरा नहीं उठाना चाहते हैं। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के कारण सूबे में कांवड़ यात्रा पर लगातार दूसरी बार प्रतिबंध लगाने के साथ ही सरकार ने मुहर्रम पर ताजिया जुलूस (Tazia Juloos) निकालने की अनुमति भी नहीं दी है।
सीएम योगी का सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना वायरस का संक्रमण किसी धर्म, पंथ या मजहब को देखकर प्रभावी नहीं होता है, इसी कारण मुहर्रम पर ताजिया जुलूस को निकालने की अनुमति न दें। देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रभावी नियंत्रण के बाद प्रदेश सरकार किसी भी पर्व या अन्य बड़े आयोजन की अनुमति देकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है। प्रदेश के दस जिले वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। ऐसे में सरकार कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
मुख्यमंत्री का निर्देश है कि प्रदेश में कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए मुहर्रम बेहद सादगी और शांति से बनाया जाए। इसके बाद डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी पुलिस अधीक्षकों को मुहर्रम के मद्देनजर अपना दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। उनका निर्देश है कि मुहर्रम के दौरान कहीं पर भी किसी भी तरह के शस्त्र/हथियार का प्रदर्शन नहीं होगा।
इस दौरान पुलिस को सभी जगह पर असमाजिक तत्वों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करने और इंटरनेट मीडिया पर सतर्क दृष्टि रखने के निर्देश है। राजस्व विभाग के सहयोग से विवादित स्थल तथा मार्ग की निशानदेही कर के समय रहते संतोषजनक निस्तारण करने के निर्देश भी हैं। प्रदेश में मुहर्रम दस अगस्त से शुरू होगा और 19 अगस्त को इसकी दसवीं होगी।
प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने पुलिस अधिकारियों को धर्म गुरुओं, शांति समिति के पदाधिकारियों व संभ्रांत नागरिकों से वार्ता कर उन्हें कोविड-19 के दृष्टिगत धार्मिक आयोजनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट व शासन के निर्देशों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया गया है। प्रदेश के 10 जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। इनमें कोई सक्रिय केस नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।
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