उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार के आने के बाद से एक के बाद शहर और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जा रहे हैं. हाल ही में फैजाबाद जंक्शन को अयोध्या कैंट करने के बाद अब योगी सरकार ने आगरा की मुगल रोड (Agra Mughal Road) का नाम बदला है. अब इस मार्ग को महाराजा अग्रसेन मार्ग (Maharaja Agrasen Marg) के नाम से जाना जाएगा. गुरुवार को मेयर नवीन जैन ने इस रोड की पट्टिका का अनावरण किया था.
इस दौरान आगरा मेयर नवीन जैन ने कहा कि अग्रसेन मार्ग महाराजा अग्रसेन के अनुयायियों को समर्पित है. उनका कहना है कि पता नहीं इस रोड को लेकर यह ‘मुगल’ शब्द कहां से आया. वह बताते हैं कि विकल चौक से लेकर मुगल रोड के बीच ज्यादातक महाराजा अग्रसेन के अनुयायी रहते हैं. उन्हीं की मांग पर यह काम किया गया है. ऐसे में इस मार्ग का नामकरण करने से पूरे समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. इसके अलावा, जहां शिला पट्टिका लगी है, उसके साथ एक रोड जाती है जो मुख्य बाजार से मिलती है. जल्द ही उस सड़क का भी जीर्णोद्धार करने का भी संकल्प लिया गया है. जल्द ही यहां पर एक मॉडल रोड बनाई जाएगी, जो चर्चा का विषय बनेगी. इस सड़क को एक महीने के अंदर ही शुरू कर दिया जाएगा.
बता दें, इससे पहले सुल्तानगंज पुलिया का नाम बदलकर ‘विकल चौक’ रखा गया है. इसी के साथ शहर के काजी हाउस और मधु नगर चौराहे के नामों के बदलने का भी प्रस्ताव रखा गया है. मेयर ने कहा है कि राजा अग्रसेन मार्ग को शहर की मॉडल रोड की तौर पर डेवलप किया जा रहा है.
कौन थे महाराजा अग्रसेन ?
महाराजा अग्रसेन वैश्य समाज के संस्थापक माने जाते हैं. महाराजा अग्रसेन अग्रोहा के एक महान भारतीय राजा थे. महाराजा अग्रसेन को पौराणिक समाजवाद के प्रर्वतक, युग पुरुष के तौर पर याद किया जाता है. अग्रसेन पशु बलि के खिलाफ थे और इसलिए उन्होंने वैश्य धर्म स्वीकार किया था. महाराजा अग्रसेन को वैश्य समाज के पिता के रूप में पूजा जाता है और उनकी जयंती मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाई जाती है. क्षत्रिय कुल में जन्मे महाराजा अग्रसेन जिस शहर अग्रोहा के राजा थे वह एक व्यापारियों का शहर था. कहा जाता है कि इस शहर की स्थापना भी महाराजा अग्रसेन ने की थी.
महाराजा अग्रसेन ने समाज में एकता और सद्भाव का उपदेश दिया था. यही कारण है कि मुख्य रूप से उनके अनुयायी अग्रसेन जयंती के दिन गरीबों में मुफ्त भोजन और दवाईं बाटंते हैं. महाराजा अग्रसेन के सम्मान में भारत सरकार ने 1976 में उनकी 5100वीं जयंती पर एक डाक टिकट भी जारी किया था. महाराज अग्रसेन की जयंती भारत में खासकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है.
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