पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सोमवार को अधिकारियों और पेंशन बहाली मंच के बीच हुई मीटिंग में कोई हल नहीं निकल पाया। ऐसे में मंच के पदाधिकारियों ने मांगे नहीं माने जाने पर समय से पहले हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे डाली है। पेंशन बहाली मंच के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पेंशन निदेशालय को इस मामले से जुड़े 1.20 लाख ई-मेल मिले हैं, जिससे मंच की मुहिम को ताकत मिली है।
अपनी पुरानी मांग पर अड़े पेंशन बहाली मंच के नेता
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को हुई मीटिंग में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई समिति में शामिल अधिकारियों ने नई पेंशन नीति को कर्मचारियों और शिक्षकों के हित में बताया। इस मीटिंग में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, निदेशक पेंशन रंजन मिश्रा, मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी और अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा मौजूद रहे।
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समिति का कहना है कि केंद्र ने नई पेंशन योजना में कई संशोधन किए हैं, जिससे कर्मचारी और शिक्षकों को लाभ होगा, लेकिन मंच के नेता अपनी पुरानी मांग पर अड़े रहे। सूत्रों ने बताया है कि आगामी जनवरी महीने की शुरुआत में प्रदेश का दौरा कर जनजागरण अभियान के बाद अंतिम सप्ताह में जनपद मुख्यालयों, राजधानी में एक दिवसीय धरना और शाम को मशाल जुलूस निकाला जाएगा। यही नहीं, उच्चाधिकार समिति की बैठक कर फरवरी के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय है, लेकिन मंच इससे पहले भी हड़ताल का निर्णय ले सकता है।
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20 दिसंबर को संयुक्त संघर्ष संचालन समिति ने की रैली की घोषणा
वहीं, दूसरी तरफ संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा है कि पुरानी पेंशन बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने 20 दिसंबर को इको गार्डेन में पेंशन बचाओ रैली के आयोजन का ऐलान किया है। एसपी तिवारी ने कहा है कि सरकार की ओर से पेंशन को लेकर गठित समिति का बहिष्कार करेंगे।
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