तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. हादसे में हमने अपने पहले CDS बिपिन रावत समेत कई जवानों को खो दिया. इस हादसे के बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. अगर राहत टीम की मानें तो दुर्घटना में जान गंवाने वाले के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत क्रैश के बाद भी जिंदा थे. हादसे के बाद Mi-17V5 के मलबे से निकाले जाने पर उन्होंने हिंदी में अपना नाम भी बताया था. ये हादसा इतना भयंकर था कि 14 में से 13 लोगों की कल ही मौत हो गयी जबकि 1 जवान अभी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.
शरीर के निचले हिस्से में आई थी चोट
जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना के बाद घटना स्थल पर पहुंचे वरिष्ठ फायरमैन और बचावकर्मी एनसी मुरली ने बताया कि हमने दो लोगों को जिंदा बचाया. इनमें से एक सीडीएस रावत थे. मुरली ने बताया कि जैसे ही हमने उन्हें बाहर निकाला, उन्होंने रक्षा कर्मियों से हिंदी में धीमे स्वर में बात की और अपना नाम बोला. अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई.
मुरली के अनुसार, वो तुरंत दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं कर सके जिसे अस्पताल ले जाया गया और उसका अभी इलाज चल रहा है. अस्पताल ले जाते वक्त जनरल रावत ने बताया कि उनके शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोटें आई हैं. इसके बाद उन्हें चादर में लपेट कर एम्बुलेंस में ले जाया गया. बचाव दल को इस इलाके को बचाव कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. यहां आग बुझाने के लिए दमकल वाहन को ले जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था.
कोयंबटूर और सुलूर के बीच हुया था हादसा
बता दें कि तमिलनाडु के कोयंबटूर और सुलूर के बीच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इस चॉपर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे. जिनमे से 13 का निधन हो चुका है. सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी हेलिकॉप्टर में सवार थीं. घटना पर गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने भी दुःख जताया है.
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